आक्रोश के आगे झुकी सरकार, पूरी लेबनान कैबिनेट का इस्तीफा

ेरूत ब्लास्ट में मरने वालों की संख्या 200 पार कर चुकी है. इसके साथ ही लेबनान में जनता प्रचंड गुस्से में उबल रही है. जनता के गुस्से के आगे झुकते हुए लेबनान की पूरी कैबिनेट ने ही इस्तीफा दे दिया है. बेरूत धमाके के बाद ही पूरे शहर में प्रदर्शन शुरू हो गया था और लोग हिंसक हो रहे थे. प्रदर्शनकारी घटना की जिम्मेदारी मौजूदा सरकार पर डाल रहे थे और उसके इस्तीफे की मांग कर रहे थे. जनता के भारी दबाव को देखते हुए कई मंत्री पहले ही इस्तीफे की पेशकश कर चुके थे.
पूरी सरकार ने इस्तीफा दिया

सोमवार को कैबिनट मीटिंग की बैठक के बाद हमद हसन ने कहा, "पूरी सरकार ने इस्तीफा दे दिया है." उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री हसन दियाब राष्ट्रपति भवन जाएंगे और सभी मंत्रियों के नाम से इस्तीफा सौंपेंगे.

करप्शन और लापरवाही की वजह से धमाका

4 अगस्त को बेरूत पोर्ट पर हुए इस धमाके ने पूरे पोर्ट को तबाह कर दिया है. इसके बाद पूरे देश में सरकार और सत्ताधारी वर्ग में प्रदर्शनों का सिलसिला शुरू हो गया है. लेबनान के लोगों का आरोप है कि सरकारी तंत्र में भ्रष्टाचार और लापरवाही की वजह से ये धमाका हुआ है.

2750 टन अमोनियम नाईट्रेट में हुआ विस्फोट

बता दें कि बेरूत पोर्ट पर लगी एक सामान्य आग से पोर्ट पर रखे 2750 टन अमोनियम नाईट्रेट में धमाकों की श्रृंखला शुरू हो गई. ब्लास्ट में 200 लोगों की मौत हो चुकी है और लगभग 6 हजार लोग घायल हुए हैं. अब लेबनान की मौजूदा सरकार कार्यवाहक भूमिका में आ चुकी है और जब तक नई सरकार का गठन नहीं हो जाता है. इसकी यही भूमिका रहेगी. इस बीच बेरूत के बंदरगाह पर पिछले हफ्ते हुए विस्फोटों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 200 हो गई है. इसकी जानकारी सोमवार लेबनान की राजधानी के गवर्नर मारवान अबाउद ने दी.

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, अबाउद ने कहा कि दर्जनों लोग अभी भी लापता हैं, उनमें से कई विदेशी कर्मचारी हैं, जबकि घायलों की संख्या 7,000 से अधिक हो गई है. इस बीच सेना ने विस्फोटों का केंद्र बंदरगाह पर अपने खोज, बचाव अभियान को बंद कर दिया है. ये नए आकड़े दो दिन बाद सामने आए हैं, क्योंकि सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों से पुलिस की झड़प हो गई थी.

खिड़की-दरवाजे कुछ भी नहीं बचे

विस्फोट के बाद से शहर में हजारों लोग क्षतिग्रस्त घरों में रह रहे हैं, कइयों के घर में खिड़की और दरवाजे भी नहीं बचे हैं. संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों ने इस संकट के समय में लोगों को तुरंत भोजन और चिकित्सा सहायता करने का निर्देश दिया है.

अंतर्राष्ट्रीय डोनर्स ने रविवार को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन द्वारा आयोजित एक वर्चुअल शिखर सम्मेलन में लेबनान के लिए 297 मिलियन डॉलर की सहायता देने का वादा किया. उन्होंने कहा कि यह फंड लेबनान के लोगों को सीधे दिए जाएंगे.