जम्मू कश्मीर के LG का दावा, अनुच्छेद 370 हटने के बाद विकास ने पकड़ी रफ्तार

जम्मू कश्मीर में लागू अनुच्छेद 370 पिछले साल हटा दिया गया था. जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया था. 5 अगस्त को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर एक साल हो रहा है. जम्मू कश्मीर के पहले उपराज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू ने आजतक से खास बातचीत में प्रदेश के विकास से लेकर आतंकवाद और सुरक्षा-व्यवस्था तक, हर मुद्दे पर खुलकर बात की.

मुर्मू ने कहा कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद इसे केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के कारण विकास ने रफ्तार पकड़ी है. उन्होंने आतंकवाद में भी कमी आने का दावा किया और कहा कि साल 2015 में जम्मू कश्मीर के लिए केंद्र सरकार की ओर से घोषित किए गए विशेष पीएम पैकेज का मात्र 17 फीसदी हिस्सा ही पिछले साल तक खर्च हुआ था.

उपराज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री विशेष पैकेज का 50 फीसदी हिस्सा पिछले एक साल में खर्च किया गया है. उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में कुछ बड़े प्रोजेक्ट भी शुरू किए गए हैं. आने वाले समय में इससे हुआ बदलाव नजर आने लगेगा. पिछले साल 5 अगस्त को करीब 4000 लोगों को हिरासत में लिया गया था, जिनमें कई राजनेता भी शामिल थे. उनमें से कुछ के अब भी हिरासत में होने के संबंध में पूछे गए सवाल पर मुर्मू ने कहा कि अधिकतर लोग रिहा किए जा चुके हैं. जो लोग अभी भी हिरासत में हैं, उनकी रिहाई की प्रक्रिया जारी है.

मुर्मू ने कहा कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद इसे केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के कारण विकास ने रफ्तार पकड़ी है. उन्होंने आतंकवाद में भी कमी आने का दावा किया और कहा कि स्थानीय आतंकियों की भर्ती में पिछले एक साल के दौरान बड़ी गिरावट आई है. इससे साफ है कि प्रदेश के लोग विकास चाहते हैं. उपराज्यपाल ने युवाओं को रोजगार देने के लिए किए जा रहे प्रयासों का जिक्र किया और कहा कि 30000 शिक्षकों को अस्थायी किया गया है. 10000 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है.

उपराज्यपाल ने कहा कि साल 2015 में जम्मू कश्मीर के लिए केंद्र सरकार की ओर से घोषित किए गए विशेष पीएम पैकेज का मात्र 17 फीसदी हिस्सा ही पिछले साल तक खर्च हुआ था. प्रधानमंत्री विशेष पैकेज का 50 फीसदी हिस्सा पिछले एक साल में खर्च किया गया है. उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में कुछ बड़े प्रोजेक्ट भी शुरू किए गए हैं. आने वाले समय में इससे हुआ बदलाव नजर आने लगेगा. पिछले साल 5 अगस्त को करीब 4000 लोगों को हिरासत में लिया गया था, जिनमें कई राजनेता भी शामिल थे. उनमें से कुछ के अब भी हिरासत में होने के संबंध में पूछे गए सवाल पर मुर्मू ने कहा कि अधिकतर लोग रिहा किए जा चुके हैं. जो लोग अभी भी हिरासत में हैं, उनकी रिहाई की प्रक्रिया जारी है.

पीएम ने मुझे लोगों को अधिकार दिलाने के लिए भेजा

केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल ने हाई स्पीड इंटरनेट पर पाबंदी को लेकर कहा कि ऐसा कानून-व्यवस्था के चलते किया गया. सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में इसकी समीक्षा की जा रही है. जहां-जहां जरूरत है, वहां हाई स्पीड ब्रॉडबैंड सेवा मुहैया कराई गई है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने मुझे जम्मू कश्मीर में विकास की गति तेज करने और जमीनी स्तर पर लोगों को अधिकार दिलाने के लिए भेजा था. वह अपना काम कर रहे हैं.

उपराज्यपाल मुर्मू ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के इतिहास में पहली बार ब्लॉक डेवलपमेंट कमेटी के चुनाव हुए. विकास कार्यों में जमीनी स्तर पर लोगों की भागीदारी बढ़ाई गई. उन्होंने दावा किया कि बैक टू विलेज कार्यक्रम के तहत जम्मू कश्मीर के दूरदराज के इलाकों में 20000 छोटे-बड़े कार्यों की सिफारिश की गई थी. इनमें से लगभग 7000 कार्य पूरे कर लिए गए हैं.

कोरोना से विकास पर पड़ा असर

जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल ने यह स्वीकार किया कि कोरोना वायरस की महामारी के कारण विकास की रफ्तार पर भी असर पड़ा. उन्होंने कहा कि बाधाएं आई हैं, लेकिन आने वाले दिनों में जम्मू कश्मीर के विकास की रफ्तार और तेजी से बढ़ेगी. बता दें कि 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने संसद में प्रस्ताव पास कराकर जम्मू कश्मीर में लागू अनुच्छेद 370 हटा दिया था. साथ ही पूर्ण राज्य का दर्जा भी समाप्त कर जम्मू कश्मीर और लेह, दो केंद्र शासित प्रदेश बनाए गए थे.