उद्धव ठाकरे, राउत सहित अन्य के खिलाफ बंबई हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल

बंबई उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर कर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, गृह मंत्री दिलीप वालसे पाटिल, शिवसेना सांसद संजय राउत और अन्य पर न्यायपालिका के खिलाफ कथित तौर पर टिप्पणी करने के आरोप में अदालत की अवमानना की कार्यवाही शुरू करने की अपील की गई है. इंडियन बार एसोसिएशन द्वारा दायर याचिका में दावा किया गया है कि मंत्री पद पर बैठे प्रतिवादियों ने उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों और पूरी न्यायिक प्रणाली के खिलाफ कई ‘झूठे, निंदनीय और अवमाननापूर्ण’ आरोप लगाए हैं.

इंडियन बार एसोसिएशन की याचिका में कहा गया है कि ‘यह अदालत की महिमा और गरिमा को कम करने तथा न्यायपालिका में आम आदमी के विश्वास को डगमगाने के लिए किया गया है, जो अदालत की सबसे बड़ी अवमानना है.’ इस याचिका में शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ की संपादक और उद्धव ठाकरे की पत्नी रश्मि ठाकरे व ‘सामना’ के प्रिंटर एवं प्रकाशक विवेक कदम के खिलाफ भी अवमानना की कार्रवाई करने की अपील की गई है. इस जनहित याचिका पर 26 अप्रैल को सुनवाई होगी.

जनहित याचिका में कहा गया है कि प्रतिवादी/अवमानना करने वाले मंत्री पद पर हैं और सत्ता में हैं. वे पूरी न्यायिक प्रणाली को बदनाम करने के अभियान में शामिल हैं. वे ऐसा केवल इसलिए कर रहे हैं कि अदालतों के फैसले उनके हिसाब से नहीं हैं. जनहित याचिका में आरोप लगाया गया है कि ‘प्रतिवादी अपने विरोधियों को जेल में रखने या सत्ता और पुलिस तंत्र के दुरुपयोग से उन्हें परेशान करने की योजना में इस न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के कारण विफल रहे हैं.