दुकानों पर जेनेरिक दवाओं की उपलब्‍धता बढ़ा रही दिल्‍ली सरकार, केमिस्‍ट्स को दिए अहम निर्देश

राजधानी दिल्‍ली (Delhi) में जेनेरिक दवाओं (Generic Medicines) के इस्‍तेमाल को बढ़ाने और उनकी उपलब्‍धता बढ़ाने के लिए दिल्‍ली सरकार (Delhi Government) ने सभी केमिस्‍ट से कहा है कि वह अपनी दुकान के बाहर एक बोर्ड लगाकर उसमें लिखें कि ‘जेनेरिक दवाएं यहां उपलब्‍ध हैं’. केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के अनुसार भारत जेनेरिक दवाओं का बड़ा उत्‍पादक देश है. भारत में बनी जेनेरिक दवाएं करीब 150 देशों में निर्यात होती हैं. यह दवाएं आम दवाओं से कम दाम में उपलब्‍ध होती हैं
एक अमेरिकी ड्रग रेगुलेटर के मुताबिक जेनेरिक दवा वो होती है जिसे पहले से ही बाजार में बिकने वाली ब्रांड-नाम वाली दवा के जैसे ही बनाया जाता है. खुराक के रूप, सुरक्षा, शक्ति, एडमिनिस्‍ट्रेशन, गुणवत्ता, प्रदर्शन विशेषताओं और इच्छित उपयोग के मामले में जेनेरिक दवा समान है. उदाहरण के लिए पैरासिटामोल एक दवा का सामान्य नाम है जबकि क्रोसिन इसका ब्रांड नाम है.
वहीं दिल्‍ली की विभिन्‍न केमिस्‍ट एसोसिएशन ने जानकारी दी है कि उनसे कहा गया है कि वे सभी सदस्‍यों से कह दें कि अपनी दुकानों के बाहर वे ‘जेनेरिक दवाएं उपलब्‍ध हैं’ का बोर्ड लगा लें. इस आदेश पर ड्रग्‍स कंट्रोल ऑफिसर डॉ. अतुल कुमार नासा के हस्‍ताक्षर हैं. आदेश में कहा गया है कि एसोसिएशन को सभी केमिस्ट काउंटरों पर मरीजों को कानून के अनुसार बेची जाने वाली जेनेरिक दवाओं की उपलब्धता की सुविधा भी देनी चाहिए.