जैसलमेर में जबर्दस्त तूफान: पाकिस्तान की ओर से उठा था बवंडर, थर्रा उठी सोनार किले की दीवारें

पश्चिमी राजस्थान में स्थित स्वर्णनगरी जैसलमेर में बुधवार देर रात पाकिस्तान की तरफ आये जबर्दस्त रेतीले तूफान (Heavy sand storm) ने जमकर तबाही मचाई. तूफान के कारण विश्व के पहले लिविंग फोर्ट सोनार दुर्ग की इमारतें भी थर्रा गईं. इस रेतीले तूफान से सोनार दुर्ग (World famous Sonar fort) की चौथी और अंतिम हवा पोल को भारी नुकसान पहुंचा है. हवा पोल पर अद्भुत नक्काशी से बना कुंगरा और छज्जा गिर गया. गनीमत यह रही कि ये तूफान देर रात को आया था. इसके कारण तूफान के वक्त वहां आसपास कोई नहीं था जिससे कोई जनहानि नहीं हुई. तूफान के कारण प्रभावित क्षेत्र में कई जगह बिजली के पोल गिर गये और कई मकानों के टीन टप्पर उड़ गये.

जानकारी के अनुसार इस रेतीले तूफान ने स्वर्ण नगरी जैसलमेर में तबाही मचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. इस तूफान से सोनार दुर्ग की 850 साल से भी अधिक पुरानी दीवारें थर्रा गईं. तूफान के कारण सोनार किले की जो हवा पोल गिरी है उसकी नक्काशी को देखने के लिए सैलानी सात समंदर पार से जैसलमेर आते हैं. तूफान की तीव्रता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अब तक अनगिनत तूफानों को झेल चुके सोनार किले की दीवारें क्षतिग्रस्त हो गईं.

रात करीब साढ़े 11 बजे शुरू हुआ था तबाही का दौर
तूफान से तबाही का ये दौर रात करीब साढ़े 11 बजे शुरू हुआ था. इस रेतीले तूफान के कारण चारों तरफ धूल का बवंडर छा गया. लगभग सवा घंटे तक इस बंवडर ने तबाही मचाई. इससे जैसलमेर शहर की पूरी लाइट गुल हो गई. उसके बाद करीब पौने एक बजे हल्की बूंदाबांदी शुरू हो गई. थोड़ी देर बाद वह भी बंद हो गई और फिर से तेज हवाओं का दौर शुरू हो गया. वह दौर सुबह तक बदस्तूर चलता रहा.

जैसलमेर में लाइट हुई गुल
इस तूफान के कारण शहर की इंदिरा कॉलोनी में एक साथ बिजली के कई पोल गिर गये. वहीं शहर में एक ट्रांसफार्मर भी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया. तूफान के कारण शहर में लगे होर्डिंग और बोर्ड धराशायी हो गये. कच्चे मकानों के टीन-टप्पर हवा में उड़ गये. विद्युत निगम को इस तूफान के कारण खासा नुकसान पहुंचा है. तूफान के बाद तापमान में गिरावट दर्ज की गई है. इससे मौसम में थोड़ी ठंडक हो गई, लेकिन तूफान तबाही के बड़े निशान छोड़ गया.