विकास दुबे: SIT के बाद न्यायिक जांच के आदेश, रिटायर्ड HC जज करेंगे एनकाउंटर की तफ्तीश

यूपी पुलिस के साथ कथित मुठभेड़ में गैंगस्टर विकास दुबे की मौत की जांच के लिए यूपी सरकार ने एक आयोग का गठन किया है. इलाहाबाद हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज शशिकांत अग्रवाल इस मामले की जांच करेंगे. यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने इस कमीशन के लिए उनकी नियुक्ति की.

2 महीने में रिपोर्ट

ये आयोग विकास दुबे के एनकाउंटर के अलावा उसके कई गुर्गों के पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे जाने की जांच करेगा. ये सारे जांच कमीशन ऑफ इनक्वायरी एक्ट 1952 के तहत किए जाएंगे. इस कमीशन को 2 महीने में अपनी रिपोर्ट देनी होगी. आयोग का मुख्यालय कानपुर होगा.

यूपी पुलिस ने दावा किया था कि विकास दुबे तब मारा गया था जब उसे उज्जैन से कानपुर लेकर आ रही गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई. इस दौरान विकास दुबे ने पुलिस की गिरफ्त से भागने की कोशिश की. पुलिस की कार्रवाई में विकास दुबे मारा गया.

विकास दुबे के पांच अन्य गुर्गे पुलिस के साथ एनकाउंटर में अलग अलग जगहों पर मारे गए.

यूपी सरकार द्वारा जारी एक अधिसूचना में कहा गया है कि बिकरू गांव की घटना और उसके बाद तीन जुलाई से 10 जुलाई की अवधि के दौरान पुलिस और अपराधियों के बीच हुई मुठभेड़ लोक महत्व का विषय है. इस वजह से इसकी जांच जरूरी है.

बिकरू गांव शूटआउट की भी होगी जांच

यह एक सदस्यीय आयोग 2 जुलाई की रात को बिकरू गांव में हुई उस घटना की भी जांच करेगा जिसमें बिल्हौर के डीएसपी देवेंद्र मिश्रा समेत आठ पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी.

यह आयोग विकास दुबे के पुलिसकर्मियों के साथ कथित रिश्ते की भी जांच करेगा. आयोग कुछ उपाय भी सुझाएगा जिसका पालन कर भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके.

कांग्रेस ने की थी न्यायिक जांच की मांग

बता दें कि कांग्रेस ने इस मामले की न्यायिक जांच की मांग की थी. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा था कि विकास दुबे और पुलिसकर्मियों-राजनेताओं के बीच रिश्तों की जांच सुप्रीम कोर्ट के जज से करवाई जाए. प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी इस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के जज से कराने की मांग की है. राज्य सरकार ने इस मामले की जांच के लिए एक एसआईटी भी गठित की है.