MP में गेहूं की रिकॉर्ड खरीद, पंजाब को पछाड़ देश में शीर्ष पर पहुंचा

 कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न हुई प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद मध्य प्रदेश में सरकार ने गेहूं का रिकॉर्ड उपार्जन किया है. समर्थन मूल्य पर गेहूं के उपार्जन के मामले में मध्य प्रदेश ने पंजाब को पीछे छोड़ दिया है. मध्य प्रदेश अब देश में प्रथम स्थान पर पहुंच गया है. यह जानकारी सरकार की ओर से एक बयान जारी कर दी गई है.

  • गेहूं की खरीद में पिछले साल के मुकाबले 74 फीसदी वृद्धि
  • सरकार का दावा- 14.19 लाख किसानों के खाते में भेजे पैसे

सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि प्रदेश में अभी तक 1 करोड़ 27 लाख 67 हजार 628 मीट्रिक टन गेहूं का समर्थन मूल्य पर उपार्जन किया जा चुका है. पंजाब दूसरे स्थान पर है, जहां 1 करोड़ 27 लाख 67 हजार 473 मीट्रिक टन गेहूं का उपार्जन हुआ है. सरकार के मुताबिक देश के सभी राज्यों में समर्थन मूल्य पर गेहूं का उपार्जन देखें तो इसमें अकेले मध्य प्रदेश की भागीदारी लगभग 33 फीसदी की है.

सरकार के मुताबिक प्रदेश में पिछले साल के मुकाबले इस बार गेहूं के उपार्जन में 74 फीसदी की वृद्धि हुई है. सरकार की मानें तो पिछले साल प्रदेश में 73.69 लाख मीट्रिक टन गेहूं का उपार्जन समर्थन मूल्य पर किया गया था. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस उपलब्धि के लिए खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की टीम के साथ ही प्रदेश के किसानों को बधाई दी है.

कोरोना के कारण गेहूं का उपार्जन 15 अप्रैल से शुरू हो पाया था. पिछले साल जहां गेहू्ं के उपार्जन के लिए 3 हजार 545 उपार्जन केंद्र बनाए गए थे, वहीं इस साल इसे बढाकर 4 हजार 529 कर दिया गया था. प्रदेश सरकार ने यह भी दावा किया है कि अब तक 14 लाख 19 हजार किसनों के खाते में 20 हजार 253 करोड़ की धनराशि भेजी जा चुकी है.