राहत की नई किस्त का होगा ऐलान, निर्मला सीतारमण की शाम 4 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज यानी शनिवार को शाम 4 बजे एक बार फिर प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाली हैं. ये प्रेस कॉन्फ्रेंस 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज के बारे में बताने के लिए आयोजित किया गया है.
यह लगातार चौथा दिन है जब निर्मला सीतारमण मीडिया से मुखातिब होंगी. दरअसल, बीते बुधवार से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लगातार प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज की जानकारी दे रही हैं. हर दिन किसी न किसी सेक्टर के लिए कुछ खास ऐलान किए जा रहे हैं.
शुक्रवार को क्या मिला
निर्मला सीतारमण की ये प्रेस कॉन्फ्रेंस पूरी तरह किसान केंद्रित थी. इस दौरान कृषि क्षेत्र के लिए 11 ऐलान किए गए. इसमें 8 फैसले कृषि और इंफ्रा से जुड़े थे जबकि 3 फैसले गवर्नेंस और रिफॉर्म के हैं. सरकार ने कृषि के बुनियादी ढांचे के लिए एक लाख करोड़ रुपये देने का ऐलान किया है. इस दौरान एक अहम फैसला आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 में बदलाव को लेकर लिया गया. अब इस अधिनियम से अनाज, तिलहन, प्याज, आलू आदि को मुक्त किया जाएगा.
गुरुवार को क्या मिला
गुरुवार की प्रेस कॉन्फ्रेंस में निर्मला सीतारमण ने पटरी-रेहड़ी कारोबारी, छोटे किसान, प्रवासी श्रमिकों से जुड़े 9 बड़े ऐलान किए. इस दौरान उन्होंने कहा कि 50 लाख रेहड़ी-पटरी कारोबारियों के लिए 10 हजार रुपये का विशेष लोन दिया जाएगा. इसी तरह, शिशु लोन पर छूट, क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम की डेडलाइन बढ़ा दी गई है.
बुधवार को हुआ था ऐलान
बुधवार को करीब 6 लाख करोड़ के पैकेज का ऐलान हुआ. इस पैकेज में से एक बड़ा हिस्सा सूक्ष्म, लघु और मझोले कारोबार (MSME) को दिया गया है. वहीं सरकार ने सूक्ष्म, लघु और मझोले कारोबार की परिभाषा में भी बदलाव कर दिया है. गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों, हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों, एमएफआई को 30,000 करोड़ की नकदी सुविधा दी गई है. इसी तरह, बिजली वितरण कंपनियों पर 94,000 करोड़ रुपये का बकाया है और उनको 90,000 करोड़ का बेल आउट दिया गया है.
मिडिल क्लास को राहत
बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में निर्मला सीतारमण ने मिडिल क्लास को टैक्स के मोर्चे पर बड़ी राहत दी है. टीडीएस की दर में 25 फीसदी की कटौती कर दी गई है. वहीं सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए सभी आयकर रिटर्न भरने की समयसीमा 31 जुलाई 2020 और 31 अक्टूबर 2020 से बढ़ाकर 30 नवंबर 2020 कर दी है.
इसके अलावा टैक्स से जुड़े विवादों के निपटारे के लिए लाई गई 'विवाद से विश्वास योजना' की डेडलाइन 31 दिसंबर 2020 तक के लिए बढ़ गई है. सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के तहत आने वाले सभी नियोक्ताओं और कर्मचारियों के पीएफ कंट्रीब्यूशन को क्रमश: 2-2 फीसदी कम कर दिया गया है.