अनिल अंबानी को बड़ी राहत, रिलायंस इंफ्रा ने जीता 1,250 करोड़ का मुकदमा

लंबे समय से कर्ज से जूझ रहे अनिल अंबानी को एक अच्‍छी खबर मिली है. दरअसल, रिलायंस इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर ने दामोदर वैली कॉरपोरेशन यानी डीवीसी के खिलाफ 1,250 करोड़ रुपये का मध्यस्थता मुकदमा जीत लिया है.

मध्यस्थता न्यायाधिकरण ने भारत सरकार के उपक्रम डीवीसी को रिलायंस इंफ्रा को 896 करोड़ रुपये का भुगतान करने और 354 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी चार सप्ताह में लौटाने को कहा है. भुगतान में चार सप्ताह से अधिक लगने पर डीवीसी को 15 प्रतिशत वार्षिक की दर से अतिरिक्त ब्याज देना होगा. अब रिलायंस इंफ्रा इस रकम का इस्‍तेमाल कर्ज चुकाने में करेगी. शेयर बाजारों को भेजी सूचना में रिलायंस इंफ्रा ने बताया, ''इस राशि का इस्तेमाल कर्जदाताओं का भुगतान करने और कंपनी के कर्ज को कम करने के लिए किया जाएगा.''

क्‍या है मामला?

रिलायंस इंफ्रा को पश्चिम बंगाल में डीवीसी की 1200 मेगावॉट की रघुनाथपुर ताप बिजली परियोजना का इंजीनियरिंग और निर्माण कॉन्‍ट्रैक्‍ट मिला था. लेकिन जमीन उपलब्ध न होने और स्थानीय लोगों के विरोध के कारण इस प्रोजेक्ट में देरी हुई थी. रिलायंस इंफ्रा ने प्रोजेक्ट को पूरा करने में मुश्किलों के कारण DVC से क्लेम देने की मांग की थी.

ब्रिटेन से भी अनिल अंबानी को राहत

हाल ही में ब्रिटेन के हाईकोर्ट से भी अनिल अंबानी को राहत मिली है. दरअसल, चीन के तीन बैंक- इंडस्ट्रियल एंड कमर्शियल बैंक ऑफ चाइना लिमिटेड, चाइना डेवेलपमेंट बैंक और एक्सपोर्ट-इंपोर्ट बैंक ऑफ चाइना ने आरकॉम को दिए कर्ज के मामले में लंदन हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. हालांकि कोर्ट ने इस दावे को खारिज कर दिया. यूके हाईकोर्ट ने अनिल अंबानी के उस पक्ष को स्वीकार किया कि रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड द्वारा प्राप्त कॉरपोरेट कर्ज के लिए उनकी कथित गारंटी के संबंध में चीनी बैंकों का दावा मान्य नहीं हो सकता है.