संजय राउत बोले- कोई प्रस्ताव न आएगा, न जाएगा, जो तय था, उस पर बात हो

महाराष्ट्र में सरकार को बनाने को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और शिवसेना के बीच दांवपेच जारी है. इस बीच शिवसेना ने एक बार फिर बीजेपी पर निशाना साधा है.

शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि मुख्यमंत्री पद पर जो सहमति बनी थी, उसी पर हमने चुनाव लड़ा था, उसी पर गठबंधन हुआ था. कोई प्रस्ताव ना आएगा, ना जाएगा, जो प्रस्ताव तय हुआ था सिर्फ उस पर बात होनी चाहिए.

संजय राउत ने कहा कि अगर महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की जरूर पड़ती है तो ये जनता के साथ अन्याय होगा. महाराष्ट्र अगर राष्ट्रपति शासन की तरफ बढ़ रहा है उसके लिए हम जिम्मेदार नहीं है.

इससे पहले मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) चीफ मोहन भागवत से मुलाकात की थी. इस मुलाकात में सरकार गठन को लेकर चर्चा हुई थी.

सरकार गठन पर सस्पेंस

दरअसल महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम आए 13 दिन बीतने के बाद भी दोनों राजनीतिक पार्टियों में बात नहीं बन पा रही है. दोनों पार्टियों ने चुनाव साथ मिलकर लड़ा लेकिन सरकार गठन पर दोनों पार्टियों की राहें अलग-अलग हो गईं. सरकार गठन पर स्थिति अब तक साफ नहीं हो सकी है.

दरअसल शिवसेना अड़ी हुई है कि राज्य में 50-50 फॉर्मूले के तहत ढाई-ढाई साल के लिए दोनों पार्टियों का मुख्यमंत्री हो. माना जा रहा है कि बीजेपी इस बात पर तो सहमत है कि मंत्रालय में शिवसेना की हिस्सेदारी पचास फीसदी हो, मगर पूरे पांच साल तक मुख्यमंत्री और गृहमंत्री बीजेपी का ही होगा.

कैसे सधेगा समीकरण?

मंगलवार देर शाम नागपुर स्थित संघ मुख्यालय में सीएम देवेंद्र फडणवीस ने संघ प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की थी. इस दौरान कार्यकारी प्रमुख भैयाजी जोशी व अन्य पदाधिकारी भी मौजूद रहे. इससे पहले देवेंद्र फडणवीस ने सरकार पर सस्पेंस के बीच मुंबई में अपने आवास पर बीजेपी कोर कमेटी की आपात बैठक बुलाई थी.

भाजपा महाराष्ट्र अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा, 'हमें अब तक सरकार के गठन पर शिवसेना से कोई प्रस्ताव नहीं मिला है. हम इंतजार कर रहे हैं और हमारे दरवाजे उनके लिए 24 घंटे खुले हैं. हम जल्द से जल्द 'महा-यति' की नई सरकार बनाएंगे.'

दोनों पक्षों की बयानबाजी देखकर राजनीतिक गलियारों में ऐसी चर्चा है कि राहें आसान नहीं होने वाली हैं. बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व और संघ के हस्तक्षेप के बाद ही महाराष्ट्र में सरकार गठन पर स्थिति साफ हो सकती है.