बंगाल में CM बनाम राज्यपाल: ममता बोलीं- कुछ बिगाड़ नहीं सकते, धनखड़ बोले- दूंगा जवाब

कोरोना के खिलाफ जारी जंग के बीच पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्यपाल जगदीप धनखड़ के बीच घमासान बढ़ता ही जा रहा है. इनके बीच आरोपों का पत्राचार हो रहा है, जिसमें एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं.

राज्यपाल ने पिछले हफ्ते ममता बनर्जी को 14 पन्नों का पत्र लिखकर 37 मुद्दों को लेकर निशाना साधा था. वहीं, ममता बनर्जी ने 14 पेज का पत्र लिखकर जवाब दिया है. सीएम ने राज्यपाल पर न केवल कोरोना के दौरान सत्ता हड़पने का आरोप लगाया है, बल्कि खुली चुनौती देते हुए कहा है कि वो सरकार का कुछ नहीं बिगाड़ सकते.

सीएम ने पत्र में लिखा है कि राज्यपाल उनकी नीतियों से सहमत नहीं हो सकते हैं, लेकिन दुर्भाग्य से इसे उनके संज्ञान में लाने के अलावा उनके पास और कोई पावर नहीं है. कोरोना संकट की घड़ी में सत्ता हड़पने की कोशिश न करिए, आप सरकार का कुछ नहीं कर सकते हैं.

इतना ही नहीं, ममता बनर्जी ने राज्यपाल के पत्र की भाषा पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं. उन्होंने चिट्ठी को अपमानजनक और धमकाने वाला बताया है. अब बदले में राज्यपाल ने ममता के पत्र को 'संवैधानिक मर्यादा के खिलाफ' बताते हुए उसका जवाब देने का ऐलान किया है.

उन्होंने कहा कि बहुत कुछ अपने सीने में दबाए हूं. लगता है सबकुछ कहना जरूरी हो गया है. इस पत्र का जवाब दिया जाएगा क्योंकि इसमें बहुत कुछ ऐसा है जिसे मैं स्‍वीकार नहीं कर सकता और वो संविधान की भावना पर ग्रहण जैसा है.

संविधान नहीं मानतीं ममता बनर्जी

 बीते दिनों मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर आरोप लगाते हुए राज्यपाल ने कहा था कि वे भारत के संविधान का अनादर कर रही हैं और उनका पूरा आचरण राजनीति से प्रेरित है. राज्यपाल ने कहा कि ममता बनर्जी विक्टिम कार्ड खेलती हैं, लेकिन वो विक्टिम नहीं हैं.

 राज्यपाल ने कहा था कि कोरोना पर केंद्र सरकार ने कानून के तहत कमेटी बनाई है, इस पर सुप्रीम कोर्ट का भी निर्देश है आखिर ममता बनर्जी इसका विरोध क्यों कर रही हैं. उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी को इस टीम का खुले दिल से स्वागत करना चाहिए था क्योंकि ये टीम कोरोना के खिलाफ लोगों की मदद करने के लिए आई थी.