जम्मू कश्मीर में आज से मोदी के मंत्रियों का डेरा, हफ्तेभर में 36 नेता करेंगे 60 जगहों का दौरा

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद, पांच महीने से ज्यादा का समय बीत चुका है. विपक्ष आरोप लगा रही है कि अब तक घाटी में जीवन सामान्य नहीं हो पाया है. विपक्ष के आरोपों के बीच मोदी सरकार के 36 मंत्री शनिवार से अगले एक हफ्ते तक राज्य में रहेंगे. इस दौरान मंत्री अलग-अलग समूहों में केंद्र शासित प्रदेश पहुंचेंगे और वह जम्मू एवं कश्मीर में कुल 60 स्थानों का दौरा करेंगे.

पीटीआई के मुताबिक केंद्रीय मंत्री जम्मू में 51 और कश्मीर में 9 जगहों का दौरा करेंगे. इस दौरान सभी मंत्री, कश्मीरियों के बीच पीएम नरेंद्र मोदी के विकास के संदेश को आगे बढ़ाएंगे.

पहले दिना यानी आज (शनिवार) केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और अश्विनी चौबे, सांबा और जितेंद्र सिंह जम्मू जिले का दौरा करेंगे.    

वहीं, रविवार को केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी रिसाई के कटरा और पंथल का दौरा करेंगी. जबकि महेंद्रनाथ पांडेय जम्मू के दनसाल, अनुराग ठाकुर जम्मू के नगरोटा, पीयूष गोयल अखनूर, आरके सिंह डोडा के खेलानी जाएंगे.

मंत्रियों के कश्मीर दौरे से BJP उत्साहित

जम्मू-कश्मीर में केंद्रीय मंत्रियों के दौरे को लेकर एक तरफ बीजेपी उत्साहित है तो वहीं स्थानीय दलों का मानना है कि इस दौरे से कुछ हासिल नहीं होने वाला है. हालांकि बीजेपी का मानना है कि पिछले साल अगस्त में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद केंद्र शासित प्रदेश में विकास कार्यों को शुरू करने के संबंध में जमीनी स्थिति का आकलन करने के लिए यह यात्रा अहम साबित होगी.

बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता अरुण गुप्ता ने बताया, "बैठकों के लिए कोई निश्चित एजेंडा नहीं है. यह मूल रूप से फंड (धन) के आवंटन के लिए जमीनी स्थिति का आकलन करने के लिए एक अभ्यास है."

उन्होंने कहा कि रेल मंत्री पीयूष गोयल जम्मू-कश्मीर में रेलवे नेटवर्क बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेंगे. जम्मू स्थित पैंथर्स पार्टी के अध्यक्ष हर्ष देव सिंह ने आईएएनएस से कहा कि सरकार लोगों का विश्वास जीतने में विफल रही है. सिंह ने कहा, "यह एक पब्लिसिटी स्टंट है."

पाबंदी हटाने की मांग

उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में लोग केवल मंत्रियों के चेहरे देखने में दिलचस्पी नहीं रखते हैं. उन्होंने कहा, "वे चाहते हैं कि प्रतिबंध हटा दिया जाए और इंटरनेट प्रतिबंध को भी खत्म किया जाए."

सिंह ने कहा, "यह नाटक ऐसे समय में किया जा रहा है, जब लोग अनुच्छेद-370 के निरस्त होने के बाद नौकरी खोने और खुद की जमीन के अधिकार के लिए चिंतित हैं." सिंह ने कहा, "ऐसे समय में जब जम्मू-कश्मीर आज अपने कर्मचारियों को वेतन देने की स्थिति में भी नहीं है, सरकार मंत्रियों के दौरे पर अपने खजाने से खर्च करेगी."

नेशनल कॉन्फ्रेंस ने कहा कि इस बैठक से कुछ भी हासिल नहीं होने वाला है. नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद अकबर लोन ने कहा, "यह एक व्यर्थ दौरा है, जिसका कोई मतलब नहीं है." केंद्रीय मंत्री 18 से 24 जनवरी के बीच जम्मू-कश्मीर व लद्दाख दोनों केंद्र शासित प्रदेशों के विभिन्न जिलों का दौरा करेंगे.