कर्ज में डूबते जा रहे हैं भारतीय 5 साल में 58 प्रतिशत बढ़कर 7.4 लाख करोड़ हुई देनदारी

पांच साल में परिवारों का कर्ज दोगुना हुआ है, जबकि इस दौरान खर्च करने वाली आमदनी महज डेढ़ गुना बढ़ी है. इसका नतीजा हुआ है कि देश का कुल बचत में 4 फीसदी की बड़ी गिरावट आई है और यह 34.6 फीसदी से गिरकर 30.5 फीसदी पर सिमट गई है.
भारतीय अर्थव्यवस्था की जान कहे जाने वाले घरेलू बचत की हवा निकल गई है. पांच साल में कुल देनदारी 58 फीसदी बढ़कर 7.4 लाख करोड़ रुपये रह गई है, जबकि साल भर पहले यानी 2017 में यह बढ़ोतरी महज 22 फीसदी रही. यह आंकड़ा देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की रिसर्च विंग का है.

इस पांच साल में परिवारों का कर्ज दोगुना हुआ है जबकि इस दौरान खर्च करने वाली आमदनी (जिसे अंग्रेजी वाले डिस्पोजेबल इनकम कहते हैं) महज डेढ़ गुना बढ़ी है. इसका नतीजा हुआ है कि देश की कुल बचत में 4 फीसदी की बड़ी गिरावट आई है और यह 34.6 फीसदी से गिरकर 30.5 फीसदी पर सिमट गई है.