SCO से नई शुरुआत की गुंजाइश कम, बातचीत के बहाने पाकिस्तान का रहा है धोखे का इतिहास

पाकिस्तान जब भी भारत से बातचीत के लिए पहल करता है वो जम्मू-कश्मीर का बैगेज पीठ पर लादे रहता है. पाकिस्तान की इसी हरकतों से पता चलता है कि वो भारत के साथ रिश्ते सुधारने के लिए कितना गंभीर है. एससीओ में अपने संबोधन में जम्मू-कश्मीर का अप्रत्यक्ष जिक्र करते हुए इमरान खान ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद के हर रुप की निंदा करता है, इसमें सरकार प्रायोजित आतंकवाद भी शामिल है.

शंघाई सहयोग संगठन (SCO) का दो दिवसीय शिखर सम्मेलन दक्षिण एशिया में शांति चाहने वालों की उम्मीदें बढ़ा गया है. एससीओ के लीर्डर्स लाउंज में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और इमरान खान के बीच अनौपचारिक अभिवादन वो कड़ी है जिससे भविष्य के लिए उम्मीदें बंध गई हैं. हालांकि कूटनीति के विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान का पूर्व रिकॉर्ड, आंतकवाद को लेकर भारत की दो टूक जैसे कई मुद्दे हैं, जिनकी वजह से निकट भविष्य में दोनों देशों के बीच रिश्तों पर जमी बर्फ पिघलने की उम्मीद अभी कम ही है.

नई शुरुआत कर पाएगा SCO?

शंघाई सहयोग संगठन के फोरम से भारत ने एक बार फिर आतंकवाद पर अपना रुख स्पष्ट कर दिया है कि पाकिस्तान जब तक आतंकवाद को समर्थन और पनाह देना बंद नहीं करता है पड़ोसी के साथ बातचीत मुमकिन नहीं है. जनवरी 2016 में भारत के पठानकोट एयरबेस पर हमले के बाद भारत ने पाक को दो टूक संदेश दिया है कि जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तयब्बा जैसे आतंकी संगठनों पर पुख्ता और साफ दिखाई पड़ने वाली कार्रवाई नहीं करता है, तब तक मेल-मिलाप की कोई गुंजाइश नहीं है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरी बार शपथ लेने के बाद पीएम इमरान खान ने भारत से तीन बार बातचीत शुरू करने की पहल की. नरेंद्र मोदी की जीत के बाद इमरान खान ने उन्हें ट्वीट कर बधाई दी, इसके बाद उन्होंने पीएम मोदी को फोन किया. इसके बाद एक बार फिर उन्होंने भारत को वार्ता शुरू करने के लिए चिट्ठी लिखी. लेकिन पाकिस्तान की इस मंशा की छाया न तो जम्मू-कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर दिखी और न ही शंघाई सहयोग संगठन. पिछले कुछ दिनों से जम्मू-कश्मीर में सीमा रेखा पर पाकिस्तान की ओर से फायरिंग बढ़ गई है. पाक की गोलीबारी में भारत का एक जवान मोहम्मद जावेद शहीद भी हो गया.