पत्रकारों पर हमले के मामले में यूपी देश में सबसे बदतर राज्य, पुलिस सबसे बुरी

लोकसभा में पेश राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के मुताबिक 2013 से अब तक देश में पत्रकारों पर सबसे ज्यादा हमले उत्तर प्रदेश में हुए है. 2013 से लेकर अब तक उत्तर प्रदेश में पत्रकारों पर हमले के 67 केस दर्ज हुए हैं. दूसरे नंबर पर 50 मामलों के साथ मध्य प्रदेश और तीसरे स्थान पर 22 हमलों के साथ बिहार है.
अंग्रेजी में कहावत है - पेन इज माइटियर देन स्वॉर्ड यानी कलम तलवार से अधिक शक्तिशाली है. लेकिन उत्तर प्रदेश में कलम से ज्यादा ताकतवर हैं प्रशासन, पुलिस और अपराधी. ये अक्सर पेन की निब तोड़ देते हैं. उत्तर प्रदेश में सरकार कोई सी भी रही हो, लेकिन पत्रकारों को धमकाने, पीटने और हत्या के मामलों में कोई कमी नहीं आई है. ताजा मामला है यूपी के शामली का, जहां रेलवे पुलिस ने मालगाड़ी के डिब्बों के पटरी से उतरने की खबर कवर कर रहे पत्रकार अमित शर्मा को बेरहमी से पीटा. इसके अलावा एक चैनल के पत्रकार प्रशांत कनोजिया को सीएम योगी आदित्यनाथ का अपमान करने के नाम पर जेल भेज दिया गया. आपको बता दें कि मीडियाकर्मियों के लिए यूपी सुरक्षित नहीं रहा. क्योंकि, 2013 से लेकर अभी तक उत्तर प्रदेश में 7 पत्रकारों की हत्या हो चुकी है.

लोकसभा में पेश राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट के मुताबिक 2013 से अब तक देश में पत्रकारों पर सबसे ज्यादा हमले उत्तर प्रदेश में हुए है. 2013 से लेकर अब तक उत्तर प्रदेश में पत्रकारों पर हमले के 67 केस दर्ज हुए हैं. दूसरे नंबर पर 50 मामलों के साथ मध्य प्रदेश और तीसरे स्थान पर 22 हमलों के साथ बिहार है. इस दौरान पूरे देश में पत्रकारों पर हमले के 190 मामले सामने आए हैं.

उत्तर प्रदेश में पत्रकारों पर सबसे ज्यादा हमले अखिलेश यादव की सरकार में हुए. एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार पत्रकारों पर हमले के 2014 में 63, 2015 में 1 और 2016 में 3 मामले दर्ज हैं. जबकि, 2014 में सिर्फ 4 लोग, 2015 में एक भी नहीं और 2016 में 3 लोग गिरफ्तार किए गए. 2017 में आई योगी आदित्यनाथ की सरकार. उसी साल आई द इंडियन फ्रीडम रिपोर्ट के अनुसार पूरे देश में 2017 पत्रकारों पर 46 हमले हुए. इस रिपोर्ट के अनुसार 2017 में पत्रकारों पर जितने भी हमले हुए, उनमें सबसे ज्यादा 13 हमले पुलिसवालों ने किए हैं. इसके बाद, 10 हमले नेता और राजनीतिक पार्टियों के कार्यकर्ताओं और तीसरे नंबर पर 6 हमले अज्ञात अपराधियों ने किए.