ग्वालियर के 4 बांधों के लिये वाटर रिसोर्स प्रोजेक्ट को केन्द्र से मिली मंजूरी, नवीनीकरण और गहरीकरण पर किया जायेगा काम

ग्वालियर. शहरी इलाके में बहने वाली स्वर्णरेखा और आसपास के 4 बांधों में वाटर रिसोर्स के काम कराये जाने के लिये केन्द्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है। जल शक्ति मंत्रालय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग केन्द्रीय भूमि जल बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सुनीलकुमार अंबष्ट ने मध्यप्रदेश जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा का पत्र भेजकर कहा है कि सांसद भारतसिंह कुशवाह से हुई चर्चा के बाद केन्द्रीय भूजल बोर्ड की टीम ने ग्वालियर में स्वर्णरेखा और वीरपुर बांध, गिरवाई बांध, मामा का बांध और हनुमान बांध का निरीक्षण कर वैज्ञानिक जांच की थी।
जिससे स्पष्ट हुआ है कि इन बांधों एव स्वर्ण रेखा इलाके में वाटर रिसोर्स के काम किये जा सकते हैं। इन्हीें किया जाना चाहिये। इसलिये उक्त रिपोर्ट की सिफारिशों में चिन्हित व सुक्षाये गये उपायों का लागू किया जाये। इसमें आगे की जाने वाली कार्यवाही से बोर्ड का अवगत भी कराया जाये। केन्द्र से हरी झंडी मिलने के बाद अब जल संसाधन विभाग ने इस प्रोजेक्टर को लेकर प्रक्रिया शुरू कर दी है। अगले कुछ माह में डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) पर काम किया जायेगा।
लीकेज बंद
1- गिरवाई क्षेत्र के हनुमान बांध से जलालपुर तक करीब 14 किलोमीटर लंबे एरिया में बहने वाली स्वर्ण रेखा का निरीक्षण भी टीम ने किया था। टीम ने स्वर्ण रेखा में वाटर हार्वेस्टिंग की संभावनाएं तलाशी, जिसके लिए जगह-जगह गड्डे करके पानी का प्रेशर चेक किया गया और पाया कि बहुत बेहतर तरीके से हार्वेस्टिंग हो सकती है। जिससे स्वर्ण रेखा के करीब एक से डेढ़ किलोमीटर तक के क्षेत्र में वाटर लेवल सुधरेगा।
2- आगरा-इंदौर की एबी रोड पर मौजूद मामा का बांध, गिरवाई बांध, वीरपुर बांध और हनुमान बांध का निरीक्षण कर टीम ने पाया कि इन सभी बांधों का गहरीकरण किया जाना जरुरी है। ताकि अधिक से अधिक पानी स्टोरेज की क्षमता बढ़ सके। इसके अलावा इन बांधों में कहीं-कहीं लीकेज भी हैं। जिस कारण पूरा पानी टिक नहीं पाता, इन लीकेजों को कैमिकल ट्रीटमेंट से बंद किया जाएगा। बांधों की दीवारों को मजबूती भी मिलेगी।