जल भराव-दिल्ली से आये वैज्ञानिक जल भराव देखकर बोले ड्रेनेंज सिस्टम और मिलान ठीक नहीं, इंजीनियरों की कार्यशैली पर उठाये सवाल

ग्वालियर. वर्षा में जल भराव से जूझ रहे शहरवासियों का भविष्य में समस्या से निजात मिल सके। इसके लिये दिल्ली से आया वैज्ञानिकों के दल ने शहर के 8 जल भराव के जगहों का निरीक्षण किया। दल को अधिकांश जगहों पर सड़कों के ऊपर जल भराव के हालात बने हुए मिले है। जिसकी उन्होंने स्वयं ही तस्वीर ली और वीडियोग्राफी की है।
वैज्ञानिकों को अधिकांश जगह ड्रेनेज सिस्टम और नालियों का मिलान ठीक से नहीं मिला, शाम के समय आयुक्त संध प्रिय के साथ बैठक कर वैज्ञानिकों ने सलाह दी है कि ड्रेनेज सिस्टम और मिलान बहुत जरूरी है। नाले नालियों पर रैंप समेत अन्य अतिक्रमण का हटाना जरूरी है। ड्रेनेज सिस्टम तैयार करने के लिये आर्किटेक्ट का लेकर डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करें। फिरन उसे जमीन पर कार्य करायें। तभी शहर में जल भराव से निजात मिल सकेगी। दिल्ली से आये सीएसआईआर की टीम में मुख्य वैज्ञानिक सुनील जैन, कंवर सिंह, वरिष्ठ प्रमुख वैज्ञानिक मनोज शुक्ला एवं वरिष्ठ सम्पत कुमार ने शहर का निरीक्षण निगम के अधीक्षण यंत्री जेपी पारा के साथ किया।
सनवैली में जलभराव देख खीचें फोटो, मुरार नदी तक नहीं पहुंच सके
टीम कलेक्ट्रेट -अलापुर रोड सनवैली के पास जल भराव को देखा। वैज्ञानिकों ने उक्त स्थल के फोटो खीचे, इंजीनियरों से पूछ कि सड़क की ढलान किस ओर है। निगम के इंजीनियर ने बताया कि आगे नदी है। उसमें पानी उतार सकते हैं। वैज्ञानिकों वहां जाने े लिये कहा, लेकिन इंजीनियर वहां नहीं ले गये।
टीम को कहां पर क्या समस्या मिली और क्या समाधान उन्होंने बताए
आनंद नगर: यहां मंडी रोड पर जलभराव था। वैज्ञानिकों को नाला बना मिला, लेकिन नाले के आउटलेट में मिलान नहीं है।
सुझाव: नाले की सफाई करें और आउटलेट को मिलाएं।
ट्रांसपोर्ट नगर: यहां नाला है, लेकिन इसकी सफाई नहीं हुई। {सुझाव: नाले की सफाई करें व पुलिया बनाकर सिस्टम तैयार करें।
शताब्दीपुरम: यहां सिंधिया स्टेच्यू पर पानी भरा मिला। रोड के नीचे 900 एमएम के पाइप डले थे।
सुझाव: निकासी के लायक पाइप ठीक हैं, लेकिन इसकी सफाई करें और अतिक्रमण को हटाएं।
सिटी सेंटर: यहां एयरटेल ऑफिस के पास की सड़क काफी खराब हालात में मिली।
सुझाव: रोड किनारे नाली बनाएं। इसका मिलान आयकर भवन की मुख्य रोड के ड्रेनेज से जोड़ें।
चेतकपुरी रोड: यहां जगह-जगह सड़क पर गिट्टी डली मिली।
सुझाव: जब गहरी लाइन डाली जाएं, तो काम्पेक्सन जरूरी है।
लक्कड़खाना-छप्परवाला पुल: अंडर ग्राउंड ड्रेनेज सिस्टम को देखा और फिर स्वर्ण रेखा छप्परवाला पुल तक आए।
सुझाव: अंडर ग्राउंड ड्रेनेज सिस्टम की जालियों से कचरा अंदर नहीं जाए।
आदित्यपुरम: टीम को ड्रेनेज सिस्टम ही नहीं मिला।
सुझाव: सड़कों से अतिक्रमण हटवाएं। साथ ही अलग से ड्रेनेज सिस्टम बनाने का सुझाव दिया है। तब ही समस्या खत्म होगी।