प्राकृतिक सौंदर्य और श्रद्धा के संगम स्थल नलकेश्वर मंदिर

ग्वालियर – ग्रामीण अंचल में स्थित प्राचीन नल के केश्वर मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि इसकी प्राकृतिक छटा भी मन को शांति देने वाली है। इसी पावन स्थल का शुक्रवार को कलेक्टर रुचिका चौहान ने निरीक्षण किया और इसे एक प्राकृतिक रूप से दर्शनीय एवं धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के संबंध में दिशा-निर्देश दिए। इस अवसर पर सीईओ जिला पंचायत विवेक कुमार एवं अपर कलेक्टर कुमार सत्यम सहित विभागीय अधिकारी उनके साथ थे।
नलकेश्वर परिसर का निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने झरने के आसपास रैलिंग सहित सुरक्षा के सभी इंतजाम करने के निर्देश दिए। साथ ही मंदिर परिसर तक पहुँचने वाले मार्ग को भी व्यवस्थित करने के लिये कहा। उन्होंने मंदिर परिसर में स्थापित दुकानों के आसपास साफ-सफाई रखने तथा डस्टबिन रखने के निर्देश सभी दुकानदारों को दिए। ऐसे स्थल हमारी सांस्कृतिक धरोहर हैं, उन्होंने मंदिर क्षेत्र की साफ-सफाई, पेयजल, बैठने की व्यवस्था, प्रकाश व्यवस्था, वृक्षारोपण तथा पहुंच मार्ग के सुधार हेतु संबंधित विभागों को कार्य योजना तैयार कर शीघ्र कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
नलकेश्वर मंदिर की शांति, आध्यात्मिकता और प्राकृतिक वातावरण एक विशेष पहचान देता है। नलकेश्वर मंदिर एक प्राचीन हिंदू मंदिर है, जो मध्य प्रदेश के मुरैना ज़िले में स्थित है। यह मंदिर अपनी ऐतिहासिक और वास्तुशिल्पीय विशेषताओं के कारण प्रसिद्ध है। अगर आप इससे संबंधित जानकारी ढूंढ रहे हैं, तो नीचे विवरण दिया गया है: इस अवसर पर स्थानीय लोगों ने भी कलेक्टर की इस पहल का स्वागत किया और मुख्य मार्ग से मंदिर परिसर तक सड़क को और बेहतर बनाने की मांग की।
इतिहास और विशेषताएँ
नलकेश्वर मंदिर का संबंध नल-दमयंती की कथा से जोड़ा जाता है। कहा जाता है कि राजा नल ने यहां भगवान शिव की तपस्या की थी।
यह मंदिर एक सुंदर घाटी के बीच, प्राकृतिक दृश्यों से घिरा हुआ है।
मंदिर पत्थरों से निर्मित है और इसमें अनेक प्राचीन मूर्तियाँ व शिलालेख देखे जा सकते हैं।