पाकिस्तान की सेना दो फाड़, बड़बोले मुनीर के 600 अफसरों ने छोड़ा साथ, सैनिक का मनोबल जमींदोज

इस्लामाबाद: पाकिस्तानी सेना में बड़े पैमाने पर विद्रोह की स्थिति बन गई है. सैन्य कमांडरों के बार-बार बदलते आदेशों, मानसिक थकान और पारिवारिक दबाव के चलते 100 से अधिक सैन्य अधिकारियों और 500 से ज्यादा सैनिकों ने इस्तीफा दे दिया है. इस सामूहिक इस्तीफे ने भारत-पाकिस्तान सीमा पर पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था को गहरे संकट में डाल दिया है. भारत-पाक सीमा की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाल रही 11वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल उमर अहमद बुखारी ने सेना मुख्यालय को पत्र लिखकर इस स्थिति पर गंभीर चिंता जताई है.
भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर बढ़ता तनाव पाकिस्तानी सेना के लिए भारी दबाव का कारण बन रहा है. अधिकारियों का कहना है कि सैन्य कमांडर स्पष्ट निर्देश देने में असफल रहे हैं, जिससे सैनिकों में असमंजस और तनाव बढ़ा है. मनमाने ढंग से एक कोर से दूसरी कोर में रिपोर्टिंग के आदेश दिए जा रहे हैं, और चुन-चुनकर अधिकारियों व सैनिकों को ट्रांसफर किया जा रहा है. इससे सैनिकों में असंतोष और मानसिक दबाव बढ़ गया है.
पाकिस्तानी सेना में इस्तीफे का दौर
पिछले सप्ताह भारत-पाक तनाव के बीच पाकिस्तानी सेना मुख्यालय ने क्वेटा और बलूचिस्तान में तैनात 12वीं कोर सहित अन्य कोर के सैन्य अधिकारियों और सैनिकों को 11वीं कोर में तुरंत रिपोर्ट करने का आदेश जारी किया था. 11वीं कोर, जिसके कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल उमर अहमद बुखारी हैं, भारत-पाक सीमा की सुरक्षा के लिए प्राथमिक जिम्मेदार है. बुखारी 2024 से इस कोर का नेतृत्व कर रहे हैं. 26 अप्रैल 2025 को बुखारी ने अन्य कोर से आए सैनिकों की स्थिति की जांच की, तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ. करीब 100 सैन्य अधिकारियों और 500 से ज्यादा निचले रैंक के सैनिकों ने अपने इस्तीफे सौंप दिए थे, जिसके चलते 11वीं कोर में सैन्य बल की भारी कमी हो गई.