एलिवेटेड रोड का निर्माण कर रही पीएनसी ने रोका स्वर्ण रेखा पानी का बहाव

ग्वालियर. लक्ष्मीबाई समाधिस्थल से लेकर गिरवाई तक दूसरे चरण तक एलिवेटेड रोड बना रही कंस्ट्रक्शन कंपनी पीएनसी इंफ्रा ने हनुमान बांध के पास स्वर्ण रेखा नदी क्षेत्र में पानी का बहाव रोक रखा है। कंपनी ने स्वर्ण रेखा के बहाव क्षेत्र में लगभग 16 मीटर तक मिट्टी फैला रखी है। जिस पर उसकी मशीनरी रखकर काम किया जा रहा ह। मिट्टी के इतने फैलाने से स्वर्ण रेखा का बहाव रूक गया। हाईकोर्ट के आदेश पर रविवार को निरीक्षण के लिये निकली टीम ने इस पर नाराजगी जताई और मिट्टी हटाने के लिये कहा। न्यायालय से न्याय मित्र बनाये गये सीनियर एडवोकेट केएन गुप्ता ने कंस्ट्रक्शन कंपनी की टीम से कहा है कि मिट्टी से पानी का बहाव रोक देना गलत है। उन्होंने पूछा कि कितनी मिट्टी पर उनका काम चल सकता है तो पता चला कि 12 मीटर तक मिट्टी पर मशीनरी काम कर सकती है तो श्री गुप्ता ने मिट्टी को 4 मीटर पीछे करने के लिये। निरीक्षण में एसडीएम नरेन्द्र बाबू, लोक निर्माण विभाग सेतु संभाग के कार्यपालन यंत्री जोगिन्दर सिंह, शासकीय अधिवक्ता शैलेन्द्र कुशवाह, एडवोकेट यश शर्मा और प्रशासन एवं पीएचई, जल संसाधन विभाग के अधिकारी मौजूद थे।
हाईकोर्ट ने मांगी बांध व स्वर्ण रेखा की जानकारी
स्वर्ण रेखा की हालत को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका पर सुनवाई चल रही है। हाईकोर्ट ने इस मामले में स्वर्ण रेखा की वास्तविकता जानने के लिये टीम बनाई है। इस टीम को स्वर्ण रेखा और उससे जुड़े बांध एवं कैनाल सिस्टम का निरीक्षण करना है। रविवार को टीम ने बांध और कैनाल सप्लाई चेन का निरीक्षण किया अब अगले सप्ताह तक स्वर्ण रेखा नदी क्षेत्र का निरीक्षण किया जायेगा। ताकि पानी बहाव और स्टोरेज की बाधायें सामने लाई जा सके। टीम ने रविवार को रायपुर बांध, मामा का बांध, वीरपुर बांध और हनुमान बांध का निरीक्षण किया। टीम को संभी बांध के कैचमेंट एरिया और आसपास अतिक्रमण मिला। जिससे पानी का बहाव रूक गया है। टीम में शामिल अधिकारी व सदस्यों ने कहा है कि सभी बांध क्षेत्रों का सीमांकन करना होगा।
टीम ने किया निरीक्षण
हाईकोर्ट के आदेश पर बनी टीम ने रविवार को बिांध और कैनाल सिस्टम का निरीक्षण किया है। जिसमें टीम सदस्यों को जहां जो सुझाव देने थे दिये, अभी आगे और निरीक्षण किया जायेगा।
नरेन्द्रबाबू यादव, एसडीएम