झुंडपुरा के फर्जी कॉलेज मामले में हाईकोर्ट सख्त, जीवाजी विश्वविद्यालय से संबद्ध सभी कॉलेजों की जांच के आदेश

ग्वालियर. मुरैना के झुंडपुरा में संचालित फर्जी कॉलेज से संबंधित याचिका पर शुक्रवार को हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ(ईओडब्ल्यू) का आदेश दिया है कि झुंडपुरा के अलावा जीवाजी विश्वविद्यालय से संबंद्ध कॉलेजों की अनियमितताओं की भी जांच ईओडब्ल्यू द्वारा की जाये। यह जांच तेज गति से की जाये और आरोपियों के खिलाफ जल्द से जल्द आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया जाये।आपको बता दें कि झुंडपुरा कॉलेज फर्जी पाये जाने के बाद ईओडब्ल्यू जीवाजी विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुलगुरू प्रो. अविनाश तिवारी के खिलाफ मामला दर्ज किया था और इसके बाद उन्हें बर्खास्त कर दिया गया।
जनहित याचिका दायर की थी डॉ अरूण शर्मा ने
शहर के मुरार निवासी डॉ. अरूण शर्मा ने एडवोकेट अवधेश सिंह भदौरिया के जरिये हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी। इसमें उन्होंने कहा कि मुरैना के झुंडपुरा में ‘‘शिवशक्ति कॉलेज’’ के नाम से एक कॉलेज को जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर से मान्यता प्राप्त बताया गया है। याचिकाकर्ता के मुताबिक इस कॉलेज में प्राचार्य के पद पर उसकी नियुक्ति बताई गयी है। जबकि उसने उक्त कॉलेज में प्राचार्य की नियुक्ति के लिये कभी भी कोई साक्षात्कार नहीं दिया और न ही उसे उक्त कॉलेज के संबंध में कोई जानकारी है। याचिका में यह भी उल्लेख किया गया है कि वह स्वयं झुंडपुरा, मुरैना के निवासी है और वहां शिव शक्ति कॉलेज नाम का कोई भी कॉलेज मौजूद नहीं है।
याचिका में यह भी कहा गया है कि झुंडपुरा की तरह ही जीवाजी विश्वविद्यालय से संबद्ध करीब 200 फर्जी कॉलेज ग्वालियर-चम्बल संभाग में संचालित हो रहे है। यह कॉलेज शासन करोड़ों रूपये की छात्रवृत्ति का घोटाला कर रहे है और लाखों छात्रों को फर्जी डिग्रियां बांट रहे है। यह संस्थान केवल कागजों में संचालित हो रहे है। न तो इनकी कोई बिल्डिंग है न स्टाफ और न ही छात्रों को पढ़ाया जा रहा है।
जीवाजी विश्वविद्यालय ने हाईकोर्ट में प्रस्तुत किया जवाब
मामले की सुनवाई शुक्रवार को हाईकोर्ट में हुई है। जिसमें जीवाजी विश्वविद्यालय की ओर से बताया गया है कि झुंडपुरा कॉलेज के संबंध में ईओडब्ल्यू द्वारा एफआईआर दर्ज की जा चुकी है और साथ ही शासन ने इस मामले में एफआईआर दर्ज होने के बाद तत्कालीन कुलपति को हटाकर नये कुलपति की नियुक्ति कर दी है। इस पर याचिकाकर्त्ता के अधिवक्ता अवधेश सिंह भदौरिया ने हाईकोर्ट से निवेदन है किया है ईओडब्ल्यू केवल झुडपुरा कॉलेज की जांच कर रही है। जबकि जीवाजी विश्वविद्यालय से संबद्ध लगभग 200 अन्य कॉलेज भी इसी तरह से छात्रों को नकली डिग्रियां बांट रहे हैं।
हाईकोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए आदेश दिया कि झुंडपुरा की तरह ही जीवाजी विश्वविद्यालय से संबद्ध सभी कॉलेजों की अनियमितताओं, औपचारिकताओं और अन्य अपराधों की भी जांच की जाये और साथ ही दोषियों के विरूद्ध जल्द से जल्द सक्षम न्यायालय में आरोप पत्र प्रस्त किया जाये। हाईकोर्ट ने ईओडब्ल्यू को जांच के दौरान जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर से पूर्ण सहयोग लेने के निर्देश भी दिये है।