सर्जिकल स्ट्राइक या लिमिटेड एक्शन, पुलवामा का बदला कैसे लेंगे मोदी?

पुलवामा में जैश के आतंकी हमले में अबतक CRPF के 37 जवान शहीद हो चुके हैं. ढाई साल बाद भी उरी का वो आतंकवादी हमला हिंदुस्तान की आंखों में लहू उतारने के लिए काफी है. उस कायराना हमले ने हिंदुस्तान को हिला दिया था. अब ये गूंज उठी कि कब तक हिंदुस्तान अपने जवानों का बलिदान यूं ही देखता रहेगा. तब हमारे जांबाजों ने पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक पर आतंकवाद का फन कुचलने का दावा किया था. लेकिन पुलवामा में ढाई हजार जवानों के काफिले को निशाना बनाकर जैश ने उरी से भी बड़े आतंकी हमले को अंजाम दे दिया और अब देश के दुश्मनों ने एक बार फिर मानो सर्जिकल स्ट्राइक पार्ट-2 को न्योता दे दिया.
पुलवामा हमले पर पूर्व सेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह ने कहा कि इस हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ है. सबसे पहले जम्मू-कश्मीर के जिन इलाकों में हमारी सेना तैनात है, उस इलाके का रिव्यू करना चाहिए. जिस रणनीति को आतंकी अपना रहे हैं, उसको ध्यान में रखते हुए प्लानिंग करनी पड़ेगी. इसके अलावा पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने का बहुत प्लान सेना के पास है. सरकार जानती है कि कब और कैसे इसका जवाब देना है. सर्जिकल स्ट्राइक जैसे कई ऑप्शन है. भावुलपुर के अंदर जो जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय है, वहां पर स्ट्राइक की जा सकती है. उनके ट्रेनिंग कैंप, लॉन्च पैड पर कार्रवाई हो सकती है.
जनरल बिक्रम सिंह ने कहा कि अब सरकार को तय करना है कि वह कैसे कार्रवाई करेगी. खासतौर पर चुनाव के मद्देनजर पाकिस्तान को कैसे मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा. पीएम मोदी और उनके साथी मंत्रियों के बयान से लगता है कि कार्रवाई होगी. हो सकता है कार्रवाई तुरंत न हो, क्योंकि पाकिस्तान इस समय चौकन्ना होगा. हमें इंतजार करना पड़ेगा यह कार्रवाई करने के लिए. उन्होंने कहा कि अगर हम ज्यादा प्रेशर अवाम के ऊपर डालेंगे तो इसका बुरा असर भी पड़ सकता है. ऑपरेशन बहुत सोच समझकर चलाना पड़ता है, ताकि आतंकी भी मारे जाए और अावाम के ऊपर फर्क न पड़े.