लोकायुक्त ने उपसंचालक आरपीएस भदोरिया को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा

ग्वालियर. ग्वालियर की लोकायुक्त पुलिस ने मुरैना के पशुपालन एवं डेयरी विभाग के उपसंचालक आरपीएस भदोरिया को 3000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा है। उपसंचालक ने अपने ही विभाग के लैब टेक्नीशियन के भाई का लोन पास कराने के ऐवज में 10000 की रिश्वत मांगी थी, जिसमें से 7000 रूपए पहले ले दिए थे। 3000 रुपए लेते ही लोकायुक्त पुलिस ने उन्हें रंगे हाथों पकड़ लिया। घटना मंगलवार दोपहर की है।
बता दें कि, पशुपालन एवं डेयरी विभाग के नूराबाद स्थित कार्यालय में लैब टेक्नीशियन के भाई सत्येंद्र मावई ने आचार्य विद्यासागर गौ संवर्धन योजना के तहत 6 लाख रुपए का लोन निकाला था। शासन की तरफ से 15% की सब्सिडी दी गई थी। इस प्रकार सत्येंद्र मावई तथा उपसंचालक पशुपालन एवं डेयरी विभाग आरपीएस भदौरिया के बीच कमीशन को लेकर अनबन हो गई। उसके बाद सत्येंद्र मावई और आरपीएस भदौरिया के बीच 10000 रुपए रिश्वत देने की बात तय हो गई।
टीम ने घेराबंदी करके पकड़ा
लोकायुक्त टीम के डीएसपी विनोद सिंह कुशवाहा के नेतृत्व में अधिकारियों की एक टीम मुरैना स्थित पशुपालन एवं डेयरी विभाग के उपसंचालक के कार्यालय में पहुंची। यह कार्यालय पुराने बस स्टैंड के सामने बना हुआ है। योजना के तहत जैसे ही सत्येंद्र मावई ने पाउडर लगे 3000 रुपए उपसंचालक आरपीएस भदौरिया को थमाए, आसपास छिपे लोकायुक्त अधिकारियों ने उन्हें दबोच लिया। उसके बाद उनके हाथ धुलाए गये। हाथ धोते ही लाल हो गए। उसके बाद इस पूरे मामले की लिखा पढ़ी की गई।
7000 रुपए पहले दिए मावई ने
सत्येंद्र मावई ग्वालियर स्थित लोकायुक्त कार्यालय पहुंचे। वहां उन्होंने SP लोकायुक्त से मिलकर पूरी बात बताई। लोकायुक्त द्वारा उन्हें एक टेप रिकॉर्डर दिया गया तथा कहा गया कि जब 7000 रुपए की पहली किस्त दो तो इस टेप रिकॉर्डर में रुपए लेनदेन की बात रिकॉर्ड कर लेना। सत्येंद्र ने ऐसा ही किया। उसने 7000 रुपए की पहली किस्त दे दी। और पूरी बात रिकॉर्ड कर ली।