पीएम नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन से की बात, कहा- भारतीयों की सुरक्षित निकासी हो

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने सोमवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के साथ बात की. उन्‍होंने यूक्रेन (Ukraine) के सूमी शहर से भारतीय नागरिकों को जल्द से जल्द सुरक्षित निकालने के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने पुतिन से उनकी टीमों के बीच चल रही बातचीत के अलावा, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की (Volodymyr Zelensky) के साथ सीधी बातचीत करने का भी आग्रह किया है. इधर, सरकारी सूत्रों ने बताया कि यूक्रेन की स्थिति पर दोनों शीर्ष नेताओं ने करीब 50 मिनट तक फोन पर चर्चा की. सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रपति पुतिन ने पीएम मोदी को युद्धग्रस्त देश से भारतीय नागरिकों को निकालने में हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया.

सूत्रों ने बताया कि पूर्वोत्तर यूक्रेन के सूमी में बमबारी और गोलीबारी के बीच लगभग 700 से 900 भारतीय छात्र फंसे हुए हैं. इन छात्रों ने अपनी दुर्दशा के कई वीडियो साझा करते हुए कहा है कि वे डरे हुए हैं और उनके पास बहुत कम संसाधन हैं. वीडियो में उन्हें पीने के पानी के लिए, बर्फ को इकट्ठा करते हुए दिखाया गया है, ताकि पिघलने के बाद उसका उपयोग किया जा सके. इन वीडियो के कहा गया है कि छात्रों के पास पर्याप्त भोजन और पानी नहीं है.

इससे पहले दिन में, पीएम नरेंद्र मोदी ने यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की से भी बात की थी और रूसी आक्रमण के बीच यूक्रेन के सूमी शहर में फंसे भारतीयों को निकालने में उनका समर्थन मांगा था. तटस्थ रुख बनाए रखते हुए, उन्होंने ‘रूस और यूक्रेन के बीच निरंतर सीधी बातचीत’ की भी सराहना की. राष्ट्रपति पुतिन ने कथित तौर पर यूक्रेनी और रूसी टीमों के बीच वार्ता की स्थिति के बारे में प्रधानमंत्री मोदी को जानकारी दी. सूत्र ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने संघर्षविराम की घोषणा और सूमी सहित यूक्रेन के कुछ हिस्सों में मानवीय गलियारों की स्थापना किए जाने की सराहना की है. इस बीच, रूस के नए ‘मानवीय गलियारों’ को कीव ने एक अनैतिक स्टंट के रूप में खारिज कर दिया है.

यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की के एक प्रवक्ता ने इस कदम को ‘पूरी तरह से अनैतिक’ कहा और कहा कि रूस ‘एक टेलीविजन पिक्‍चर बनाने के लिए लोगों की पीड़ा का उपयोग करने’ की कोशिश कर रहा था. प्रवक्ता ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि ‘वे यूक्रेन के नागरिक हैं, उन्हें यूक्रेन के क्षेत्र को खाली करने का अधिकार होना चाहिए.’ सूमी में फंसे छात्रों ने कल वीडियो साझा करते हुए कहा था कि उन्होंने 50 किलोमीटर दूर रूसी सीमा तक एक जोखिम भरी यात्रा करने का फैसला किया है. हालांकि, सरकार द्वारा उनसे संपर्क करने और उन्हें ‘अनावश्यक जोखिमों से बचने’ की सलाह देने के बाद उन्होंने रुकने का फैसला किया.