पूर्व DGP सैनी की गिरफ्तारी की रोक पर SC जताई हैरानी, कहा दर्ज मामलों में कैसे दी जा सकती है सुरक्षा

पंजाब और हरियाणा (Punjab and Haryana High Court) उच्च न्यायालय द्वारा पंजाब के पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी (former Punjab DGP Sumedh Singh Saini) को 20 अप्रैल तक उनके खिलाफ सभी लंबित और भविष्य के आपराधिक मामलों में दंडात्मक कार्रवाई के प्रति ब्लैंकट बेल (blanket bail) देने के एक दिन बाद सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार को इस तरह के अभूतपूर्व आदेश पर आश्चर्य व्यक्त किया है. भारत के चीफ जस्टिस एनवी रमना (Chief Justice of India NV Ramana) की अगुवाई वाली तीन जजोंं की पीठ ने कहा कि अभी तक दर्ज किए गए मामलों में सुरक्षा कैसे दी जा सकती है.

उन्होंने कहा कि यह एक अभूतपूर्व आदेश है. भविष्य की कार्रवाई को कैसे रोका जा सकता है? यह चौंकाने वाला है और हम तीनों (बेंच पर) को लगता है कि यह अभूतपूर्व है. इसके लिए सुनवाई की आवश्यकता होगी. पीठ ने कहा कि हम उच्च न्यायालय से दो सप्ताह के भीतर किसी अन्य जस्टिस द्वारा याचिका का निपटारा करने का अनुरोध करेंगे. हम इस मामले को पंजाब और हरियाणा एचसी के चीफ जस्टिस से इसे स्वयं या किसी अन्य न्यायाधीश द्वारा सुनवाई करने का अनुरोध करते हैं. एचसी के आदेश का विरोध करते हुए पंजाब के महाधिवक्ता डीएस पटवालिया ने कहा, वहां ब्लैंकट है और हर चीज से सुरक्षा है.

दि ट्रिब्यून की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक सैनी की ओर से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने उच्च न्यायालय के आदेश का बचाव करते हुए कहा कि राज्य ने एक भी आदेश का पालन नहीं किया है. सैनी हत्या के प्रयास में बाल-बाल बचे हैं. न्यायमूर्ति अरविंद सिंह सांगवान ने गुरुवार को आदेश दिया था कि शीर्ष अदालत के समक्ष लंबित बलवंत सिंह मुल्तानी हत्याकांड को छोड़कर सैनी को उनके खिलाफ लंबित और भविष्य के मामलों में 20 अप्रैल तक गिरफ्तार नहीं किया जाना चाहिए.

न्यायमूर्ति सांगवान जिन्होंने पहले कई मामलों में सैनी की संलिप्तता का उल्लेख किया था, और कहा था कि आने वाले राज्य विधानसभा चुनावों के मद्देनजर यह एक राजनीतिक चाल” हो सकती है. सुप्रीम कोर्ट ने 15 सितंबर, 2020 को 1991 के बलवंत सिंह मुल्तानी हत्याकांड में सैनी को गिरफ्तारी से सुरक्षा प्रदान की थी. हालांकि, इसने सैनी को मामले की जांच में पंजाब पुलिस के साथ सहयोग करने को कहा था.

चंडीगढ़ इंडस्ट्रियल एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन में जूनियर इंजीनियर मुल्तानी को पुलिस ने दिसंबर 1991 में सैनी पर हुए आतंकी हमले के बाद कथित तौर पर गिरफ्तार कर लिया था, जिसमें तीन पुलिसकर्मी मारे गए थे. हमले में सैनी घायल हो गए थे. सैनी की मुश्किलें मई 2020 में शुरू हुईं, जब 1991 में मुल्तानी के कथित अपहरण के आरोप में छह अन्य लोगों के साथ मोहाली के एक पुलिस स्टेशन में उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. सैनी 1994 में ऑटोमोबाइल व्यवसायी विनोद कुमार, उनके बहनोई अशोक कुमार और उनके ड्राइवर मुख्तियार सिंह के कथित अपहरण और लापता होने के मामले में दिल्ली की एक विशेष सीबीआई अदालत में तीन अन्य लोगों के साथ मुकदमे का भी सामना कर रहे हैं.