बंगाल: छात्र नेता की मौत में नया मोड़, जज के सामने कब्र खोदकर निकाली गई बॉडी

पश्चिम बंगाल (West Bengal) में छात्र नेता अनीस खान (Anis Khan) की मौत के मामले में पिछले एक सप्ताह से सियासी बवाल मचा हुआ है. सोमवार को यह मामला नया मोड़ पर पहुंच गया है. इस मामले की जांच कर रही विशेष जांच दल यानी एसआईटी ने जिला जज की उपस्थिति में कब्र की खुदाई कर छात्र नेता के शव से ऑटोप्सी के लिए सैंपल लिया. इससे पहले स्थानीय लोगों के भारी विरोध के कारण दो बार ऑटोप्सी लेने का प्रयास विफल हो गया था. यह मामला हावड़ा जिले के आमता इलाके का है जहां 28 साल के छात्र नेता अनीस खान की तीन मंजिला इमारत से गिरकर मौत हो गई थी. परिवार का आरोप है कि पुलिस ने अनीस को इमारत से फेंक दिया था. यह मामला राज्य की राजनीति में उफान मचाया हुआ है.

अधिकारियों का कहना है कि ऑटोप्सी लेने के लिए साढ़े 12 बजे खुदाई का काम शुरू किया गया. एसएसकेएम अस्पताल के तीन डॉक्टरों की टीम अनीस के ऑटोप्सी की जांच करेंगे. सूत्रों के मुताबिक दूसरी ऑटोप्सी से यह पता लगाया जाएगा कि अनीस कितनी ऊंचाई और किस एंगल से तीन मंजिला इमारत से गिरे थे.

19 फरवरी को हुई थी मौत

हावड़ा जिले के दक्षिण खान पारा गांव की तीन मंजिला इमारत से अनीस खान 19 फरवरी को गिर गए थे. अनीस के परिवार वालों का आरोप है कि चार पुलिसकर्मी जब घर की तलाशी लेने आए थे, उसके कुछ ही समय बाद अनीस खून से लथपथ पाया गया था. हालांकि पुलिस का कहना है कि अनीस ने अपने घर में पुलिस को देखकर और पकड़े जाने के डर से बिल्डिंग से छलांग लगा दी. इस मामले में अब तक तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है और जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी गई लेकिन मामला शांत होता हुआ नहीं दिख रहा है. कांग्रेस, बीजेपी और सीपीएम इस घटना के लिए सत्ताधारी टीएमसी को जिम्मेदार ठहरा रही हैं. उनका आरोप है कि ये मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के इशारे पर की गई सोची समझी हत्या का मामला है.

विरोध के कारण दो बार ऑटोप्सी लेने का प्रयास विफल

इससे पहले 23 फरवरी को एसआईटी ने अनीस का दूसरा पोस्टमॉर्टम करने की कोशिश की थी लेकिन दक्षिण खान गांव के लोगों के भारी विरोध के कारण उसे खाली हाथ लौटना पड़ा था. एक दिन बाद कलकत्ता हाईकोर्ट ने दूसरा पोस्टमॉर्टम करने का आदेश दिया था और परिवार वालों को भी सहयोग करने के लिए कहा था. 26 फरवरी को एसआईटी ने हावड़ा जिला प्रशासन की मदद से दोबारा पोस्टमॉर्टम करने की कोशिश की लेकिन उस दिन भी भारी विरोध के कारण वापस होना पड़ा. इसके बाद जब हाई कोर्ट ने जिला जज की उपस्थिति में पोस्टमॉर्टम कराने का आदेश दिया तो परिवार वाले मान गए और सोमवार को भारी दल बल के साथ एसआईटी ने ऑटोप्सी ली.

सीएए के खिलाफ सक्रिय थे छात्र

हालांकि अब भी अनीस का परिवार सीबीआई जांच की मांग कर रहा है. परिवार वालों का आरोप है कि अमता पुलिस ने जानबूझकर घटनास्थल पर पहुंचने में 8 घंटे का समय लगाया और पहला पोस्टमॉर्टम उसकी अनुपस्थिति में हुआ. 28 साल के अनीस खान छात्र राजनीति में काफी सक्रिय थे. उन्होंने हावड़ा की आलिया यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की थी. अनीस खान फिलहाल कल्याणी यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म की पढ़ाई कर रहे थे. नागरिकता कानून (CAA) के खिलाफ हुए प्रदर्शनों में भी उन्होंने सक्रिय भूमिका निभाई थी.