जोजिला टनल से बदलेगी लद्दाख की तस्वीर, एशिया की सबसे लम्बी टनल, जाने क्या है खूबियां

जम्मू. लद्दाख में जोजिला टनल न सिर्फ सैन्य दृष्टि अपितु विकास के लिये भी वरदान साबित होगी। आने वाले समय में लद्दाख में चीन का सामना करने के लिये सेना के लिये मील का पत्थर साबित होगा। सर्दियों के 6 माह में लद्दाख शेष देश से कट जाता है। ऐसे में स्थानीय लोगों, सेना व अर्द्धसैनिक बलों की जरूरतों के लिये हवाई मार्ग पर निर्भर रहना पड़ता है। जोजिला टनल एशिया की सबसे लम्बी बाई डायरेक्शनल टनल होगी। जिसमें वाहनों के दोनों दिशाओं में आने जाने की व्यवस्था होगी। प्रधानमंत्री ऑफिस ने इसकी पुष्टि शनिवार को सोशल साइट ट्विटर पर की। यह टनल पर्यटकों के श्रीनगर से लेह तक के लिये यात्रा को भी छोटा और आसान बना देगी।

14.2 किमी लम्बी है टनल

श्रीनगर-कारगिल -लेह मार्ग पर 4528 मीटर की ऊंचाई पर जोजिला दर्रे में 14.2 किमी लम्बी टनल के लिये निर्माण को 17 अक्टूबर 2013 को डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार ने मंजूरी दी थी। इस प्रोजेक्ट की लागत तब 9090 करोड़ रूपये थी। अप्रैल 2013 के बाद 4 बार इस टनल के निर्माण के लिये ग्लोबल टेण्डर किये गये, लेकिन कंम्पनियां चुनौतीपूर्ण हालात को देखते हुए आगे नहीं आई। सिर्फ एक टेण्डर आने पर इसे रद्द कर दिया गया था। 5 वर्ष के इंतजार के बाद शनिवार को पीएम नरेन्द्र मोदी ने नींव का पत्थर रखा और अब इसके निर्माण पर 6809 करोड़ रूपये खर्च आयेगा।

सेना और अर्द्धसैनिक बल के हजारों जवान शून्य से 50 डिग्री कम तापमान में देश की सरहदों की रक्षा के लिये तैनात रहते हैं। ऐसे में कश्मीर और लेह तक सड़क मार्ग को सालभर खुला रखना सरकार की प्राथमिकता है। बर्फबारी के मौसम में हवाई मार्ग से पहुंचाने में करोड़ों रूपये खर्च होते हैं। जोजिला दर्रे पर टनल बनने से यह मार्ग वर्षभर खुला रहेगा।

टनल की खासियत

3.5 घंटे का जोजिला पास का सफर महज 15 मिनिट में पूरा होगा। टनल बनने से ।
टनल में सुरक्षा के सभी प्रबंध होंगे। ट्रांसवर्स वेंटिलेशन प्रणाली, 24 घंटे बिजली, सीसीटीवी होंगे।

250 मीटर के बाद यात्रियों के लिये क्रॉसवे होगा। हर 125 मीटर पर आपात टेलीफोन और अग्निशमन यंत्र होंगे।