उड़ते दिखाई देंगे ड्रोन बनाने वाली कंपनियों के शेयर! ये 4 स्टॉक दे सकते हैं अच्छा रिटर्न

ये तो आप भी जानते होंगे कि आने वाले समय ड्रोन्स (Drones) का है. भारत में हालांकि अभी तक इसका इस्तेमाल बहुत कम होता है, लेकिन भविष्य में बड़े स्तर पर इसका उपयोग होगा. भारत सरकार ने इस बार बजट में फसलों पर स्प्रे करने के लिए भी ड्रोन के इस्तेमाल की बात है. इसके अलावा, सरकार ने विदेशों से ड्रोन आयात करने पर बैन लगा दिया है, हालांकि ड्रोन बनाने के लिए उपयोग होने वाले पुर्जे (Components) मंगाए जा सकते हैं. ऐसे में भारत में ड्रोन बनाने वाली कंपनियां खुश हैं.

भारत में ड्रोन बनाने वाली कंपनियों में से सभी शेयर बाजार में लिस्टेड नहीं हैं, लेकिन बड़ी कंपनियां सूचीबद्ध हैं. आज हम आपको ऐसी ही 4 कंपनियों के बारे में बताने वाले हैं, जो इस क्षेत्र में काम कर रही हैं और आने वाले समय में इनकी बिक्री बढ़ने की प्रबल संभावनाएं भी हैं. इनके स्टॉक्स में निवेश करना फायदे का सौदा हो सकता है. परंतु हमेशा की तरह ध्यान रखें कि शेयर बाजार तमाम तरह के जोखिमों के अधीन होता है. निवेश से पहले आपको किसी सर्टिफाइड इनवेस्‍टमेंट एडवायजर से सलाह जरूर लेनी चाहिए.

पारस डिफेंस एंड स्पेस (Paras Defence and Space)

यह कंपनी टियर 2 डिफेंस इंजीनियरिंग फर्म है जोकि सुरक्षा से जुड़े कई सारे प्रॉडक्ट्स और सॉल्यूशन मुहैया कराती है. कंपनी की सब्सिडियरी फर्म पारस एयरोस्पेस (Paras Aerospace) NCR में है और इसने हाल ही में इस्राइल, लैटविया और इटली की यूएवी (UAV) बनाने वाली फर्म्स के साथ एग्रीमेंट किया है.

जो लोग नहीं जानते, उन्हें बता दें कि UAV का मतलब है अनमैन्ड एरियल व्हीकल (Unmanned Aerial Vehicle). और अधिक सरल भाषा में कहें तो ऐसे वाहन जो बिना इंसान के आसमान में उड़ें. जी हां, ड्रोन, जिसे कि नीचे बैठा व्यक्ति कंट्रोल कर सकताा है और हवा में उड़ा सकता है.

तो पारस एयरोस्पेस की ये भागीदारी उसे देश में ड्रोन निर्माताओं में लीडर के तौर पर स्थापित करने में मदद करेगी. 11 फरवरी को बाजार बंद होने के बाद कंपनी का स्टॉक NSE पर 671.25 रुपये पर है. कंपनी का मार्केट कैप 2,617.88 करोड़ रुपये का है. इसमें प्रोमोटर्स की होल्डिंग 58.94% है.

हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (Hindustan Aeronautics)

शेयर बाजार में इसे HAL के नाम से जाना जाता है. ये एक सरकारी नियंत्रण वाली कंपनी है. ये भी पारस डिफेंस की तरह ही रक्षा उपकरण बनाने का काम करती है. इसने भी इस्राइली UAV निर्माताओं के साथ साझेदारी की है. ये कंपनी भारत के लिए तेजस और दूसरे इंडियन एयर फोर्स विमान बनाने में जुटी है.
शेयर बाजार में इसका दबदबा है. कंपनी लगातार पिछले 4 सालों से प्रॉफिट में है. इसमें DIIs और FIIs के पास क्रमश: 18.25% और 3.15% हिस्सेदारी है. इसका मार्केट कैप 46,143.80 करोड़ रुपये है.

ज़ेन टेक्नोलॉजीज़ (Zen Technologies)

ये स्माल कैप कपनी भी डिफेंस के क्षेत्र में काम करती है. ये कंपनी ड्रोन निर्माण करती है. कंपनी अपने क्लाइंट की जरूरत के हिसाब से ड्रोन बनाकर देती है जैसे कि हैवी लिफ्ट लॉजिस्टिक ड्रोन और एंटी ड्रोन सिस्टम (ZADS). कंपनी में फिलहाल 60.19% हिस्सेदारी प्रोमोटर्स के पास है. अच्छी बात ये है कि यह कंपनी लगभग ऋण मुक्त है.

कंपनी का स्टॉक पिछले साल अगस्त के बाद से अब तक दोगुना से ज्यादा हो चुका है. 11 फरवरी को बाजार बंद होने के बाद स्टॉक की कीमत 217.70 रुपये प्रति शेयर थी.

रत्तन इंडिया इंटरप्राइजेस (RattanIndia Enterprises)

यह कंपनी मुख्य तौर पर पावर जेनरेशन और वितरण के काम में थी, लेकिन बाद में इसने ड्रोन बिजनेस में भी काम शुरू किया है. अपने ड्रोन बिजनेस के लिए इसने अपनी सहायक कंपनी नियोस्काई इंडिया (NeoSky India) की स्थापना की है. कंपनी अमेरिका में अर्बन ड्रोन लॉजिस्टिक्स बनाने के लिए निवेश करने की योजना पर काम कर रही है.

7,084.13 करोड़ की मार्केट कैप वाली इस कंपनी पर कोई ऋण नहीं है. दिसंबर 2021 को खत्म हुई तिमाही के आंकड़ों के अनुसार, कंपनी के प्रोमोटर्स के पास 74.8% हिस्सेदारी है. इसमें विदेशी इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (FIIs) के पास भी 9.03% हिस्सेदारी है. इसका शेयर 11 फरवरी को 51.25 रुपये पर बंद हुआ है.