Nipah Virus: निपाह पर AIIMS एक्सपर्ट ने चेताया- बिना धोए फल खाने की आदत बन सकती है जानलेवा

तिरुवनंतपुरम/नई दिल्ली. केरल (Kerala) के स्वास्थ्य विभाग ने 251 व्यक्तियों की पहचान की है, जो निपाह वायरस (Nipah Virus) के संक्रमण से जान गंवाने वाले 12 वर्षीय लड़के के संपर्क में आए थे. इनमें से 38 लोग कोझिकोड मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पृथकवास में हैं और 11 लोगों में लक्षण नजर आए हैं. स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने सोमवार को यह बात कही. इस बीच अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. आशुतोष बिस्वास के अनुसार, फ्रूट बैट्स के चलते यह वायरस फैल सकता है. उन्होंने कहा कि ‘फ्रूट बैट्स निपाह वायरस (Nipah Virus Outbreak) फैलाते हैं और वे ट्रांसमिशन का मुख्य कारण है. फ्रूट बैट्स एक खास क्षेत्र में रहते हैं. अगर वे एक जगह से दूसरी जगह जाते हैं तो जाहिर सी बात है वायरस फैलेगा. हमारे पास इस बीमारी का अभी कोई विशेष इलाज नहीं है.’ उन्होंने कहा ‘हमें यह समझना होगा कि यह एक बहुत ही गंभीर बीमारी है. इसकी मृत्युदर अधिक है.’

डॉ. बिस्वास ने कहा कि ‘पहले हमने भारत में देखा है कि फ्रूट बैट्स हमारे घरेलू जानवरों जैसे सूअर, बकरी, बिल्ली, घोड़े और अन्य में भी वायरस ट्रांसमीट कर सकते हैं. इसलिए, जानवरों से मनुष्यों में इस वायरस का पहुंचना बहुत है खतरनाक है. इसे हम स्पिलओवर कहते हैं.’

बिना धुले फल खाना खतरनाक- डॉक्टर बिस्वास

वायरस के स्रोत का पता लगाने की जरूरत के मद्देनजर डॉ. बिस्वास ने कहा, ‘एक बार जब यह वायरस ह्यूमन सर्कुलेशन में आ जाता है तो यह ह्यूमन टू ह्यूमन ट्रांसमीट होने लगता है. इसका ट्रांसमिशन बहुत तेज़ होता है इसलिए, इसकी पहचान करना महत्वपूर्ण है.’ उन्होंने कहा, ‘गिरे हुए फलों को खाना, वह भी बिना धोए खाना, एक बहुत ही खतरनाक आदत है.’ यहीं से वायरस जानवर से इंसान के भीतर प्रवेश कर सकता है.

बिस्वास ने कहा- केरल और बंगाल में निपाह की 1-1 लहर का सामना कर चुके हैं. पिछली लहर में संक्रमित हुए 90 फीसदी लोग मारे गए. वहीं साल 2019 में सिर्फ 1 केस आया. वहीं साल 2021 में पहला केस आया और उसमें भी मौत हो चुकी है. ऐसे में यह समझना जरूरी है कि यह क्यों हो रहा है.