हिमाचल HC ने कहा-'ना मतलब ना', नाबालिग से रेप के आरोपी की जमानत खारिज

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने नाबालिग लड़की से छेड़छाड़ और दुष्कर्म करने के आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी. साथ ही सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि कुछ पुरुषों को “ना मतलब ना” समझना मुश्किल हो गया है. कोर्ट ने कहा कि ना का मतलब, हां नही होता. जब पीड़िता ने आरोपी को बार-बार शारीरिक संबंध बनाने से मना किया तो आरोपी को जबरदस्ती नहीं करनी चाहिए थी.

हाईकोर्ट ने कहा कि यदि कोई लड़की संबंध बनाने से मना करती है तो इसका मतलब यह कतई नहीं हो सकता कि वह संकोच अथवा शर्म की वजह से मना कर रही है.

क्या है मामला

सिरमौर जिले से जुड़े इस मामले में आरोपी 17 दिसंबर 2020 को अपनी 17 वर्षीय महिला मित्र को जीप में बिठाकर ले जाता है और उसे पीड़िता के कहे अनुसार जीप से उतारने की बजाय सुनसान जगह पर ले जाता है. फिर पीड़िता के विरोध के बावजूद उसे डराकर उससे संबंध बनाता है. पीड़िता ने यह बात अपनी मां से कही और फिर आरोपी के खिलाफ पुलिस स्टेशन राजगढ़ (सिरमौर) में प्राथमिकी दर्ज की गई. 18 दिसंबर को आरोपी को गिरफ्तार कर मामले की जांच की गई. आरोपी ने हाईकोर्ट से अब जमानत मांगी थी.

कोर्ट ने कहा-उचित यौन शिक्षा न होना कारण

हिमाचल हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि हमारे पाठ्यक्रम में उचित यौन शिक्षा न होने के कारण ऐसे समाज से निकले बच्चे महिलाओं को समझने में विफल रहते हैं. पीड़िता का संबंध बनाने के लिए मना करने का यह मतलब भी नहीं निकाला जा सकता कि पहले वह उसे मनाने की इच्छा रखती है.