बच्चों को पढ़ाने के लिए पिता घर-घर जाकर बेचता था किताबें, बस ने कुचला, मौत

बिहार के खगड़िया में बेहद दर्दनाक हादसा हुआ है. किताब बेचकर अपना परिवार पालने वाले व्यक्ति को एक यात्री बस ने कुचल दिया है. घटना में व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई. हादसे के बाद से उनके बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल है.

जो भी इन बच्चों को चुप करने की कोशिश करते है उन्हें यह बच्चे यही पूछते हैं कि आखिर अब उनका और उनकी बहनों की परवरिश कौन करेगा?

मानसी थाना इलाके के राजदरबार होटल के पास एक यात्री बस ने साइकिल सवार एक किताब विक्रेता को कुचल दिया. जिससे अधेड़ सुभाष मिश्र की मौके पर मौत हो गयी. हादसा तब हुआ जब सुभाष किताब बेचकर साइकिल पर सवार होकर नेशनल हाईवे के रास्ते अपने गांव धर्मपुर बन्नी लौट रहे थे. इसी दौरान खगड़िया की ओर से आ रही बस ने उन्हें कुचल दिया.

ईधर, घटना के विरोध में परिजनों ने लाश को रोड पर रखकर नेशनल हाईवे-31 को जाम कर दिया है और मुआवजे की मांग को लेकर हंगामा करने लगे. रोड जाम होने से खगड़िया-मानसी राष्ट्रीय मार्ग बाधित हो गया है. हालांकि मानसी थाना पुलिस ने बस को जब्त कर लिया है. लेकिन बस चालक फरार हो गए. हालांकि मानसी अंचल के जोनल अधिकारी अरुण कुमार सरोज और थानाध्यक्ष दीपक कुमार के द्वारा समझाने बुझाने के बाद आक्रोशित लोग शांत हुए और जाम खुल गया.

घटना के बाद से परिजनों में कोहराम मच गया है. खासकर मृतक सुभाष मिश्रा के परिवार पर मानो दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. सुभाष की पत्नी बदहवास है. बच्चे यही पूछते हैं कि आखिर अब उनका और उनकी बहनों का परवरिश कौन करेगा? किसके सहारे घर का चूल्हा अब जलेगा.

इधर मृतक सुभाष मिश्रा के चचेरे भाई शकलदेव मिश्रा ने कहा कि सुभाष के तीन बेटे और एक छोटी बेटी है. सुभाष साइकिल पर सवार होकर घर -घर किताब बेचकर अपने परिवार का भरण-पोषण करता था. आज भी वह ठाठा गांव से किताब बेचकर अपने गांव धर्मपुर बन्नी नेशनल हाईवे-31 के रास्ते लौट रहा था. इसी दौरान खगड़िया से बेलदौर जा रही नीरज-धीरज ट्रांसपोर्ट नाम की यात्री बस ने उसे कुचल दिया. जिससे करीब 40 साल के सुभाष मिश्रा की मौत हो गई.