कुख्यात माफियाओं पर शिकंजा, मुख्तार-अतीक सहित कइयों की करोड़ों की संपत्ति जब्त

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बाहुबली विधायक और माफिया मुख्तार अंसारी और पूर्व सांसद अतीक अहमद सहित कई माफियाओं पर कार्रवाई की है. यूपी सरकार ने इन कुख्यात माफियाओं की अवैध संपत्ति या तो जब्त कर ली है या फिर इनके अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलवा दिया है.

उत्तर प्रदेश सरकार की इस कार्रवाई से माफियाओं और गैंगस्टर्स में हड़कंप मचा है. चाहे वह मुख्तार अंसारी हो या फिर अतीक अहमद या फिर समाजवादी पार्टी के पूर्व मंत्री आजम खान. सब के ऊपर योगी सरकार का शिकंजा कसता ही जा रहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा अपराध और अपराधियों के खिलाफ पूरे प्रदेश में चलाये जा रहे अभियान के तहत मऊ जिले में मऊ सदर के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के आर्थिक साम्राज्य को तोड़ने के लिए मऊ पुलिस द्वारा मुख्तार गैंग को फंडिंग करने वाले और खास करीबी बदमाशों पर पुलिस ने कड़ा शिकंजा कसा है.

अंसारी गिरोह के शूटरों की अवैध संपत्ति

मुख्तार के गुर्गों की अवैध कमाई द्वारा बनाई गई संपत्तियों को पुलिस ने कुर्क करके मुख्तार अंसारी के आर्थिक साम्राज्य की नींव हिला दी है. मऊ पुलिस की नजर लगातार मुख्तार अंसारी गिरोह के शूटरों द्वारा बनाई गई अवैध संपत्ति पर भी थी. 6 जुलाई को शूटर बृजेश सोनकर की 60 लाख की संपत्ति को पुलिस ने उसके मोहल्ले में जाकर कुर्क करने की प्रक्रिया शुरू की.

मऊ जनपद सहित पूरे पूर्वांचल में मुख्तार अंसारी का एक बड़ा मछली गिरोह दशकों से काम कर रहा था. इस गिरोह के लोग अवैध रूप से अन्य प्रदेशों से मछली लाकर बेचा करते थे. 18 जुलाई को मुख्तार अंसारी गैंग के करीबी मछली माफिया पारसनाथ सोनकर की मोहम्दाबाद कोतवाली क्षेत्र में 8 करोड़ की जमीन और मकान को पुलिस ने नोटिस लगाकर कुर्की की प्रक्रिया शुरू की थी.

मुख्तार को फंडिंग करने वाले उसके बेहद करीबी कोयला माफिया की 11 अगस्त को 6.5 करोड़ की संपत्ति को पुलिस ने कुर्क किया. मऊ जिले में पिछले लगभग तीन दशकों से ज्यादा समय से मुख्तार अंसारी के करीबी द्वारा अवैध बूचड़खाना संचालित कर यहां से मांस और खाल को बाहर भेजा जा रहा था.

जिलाधिकारी के आदेश पर पुलिस ने 28 अगस्त को लगभग 40 लाख रुपये कीमत के अवैध बूचड़खाने की बिल्डिंग को गिरा दिया. जिले के थाना दक्षिणटोला क्षेत्र के ग्राम पंचायत रैनी में मुख्तार अंसारी की पत्नी और साले के नाम पर बने एफसीआई गोदाम की दीवार को पुलिस ने 29 अगस्त को गिराकर लाखों रुपये की जमीन को कब्जा मुक्त कराया.

8 करोड़ की संपत्ति कुर्क

देवरिया के गैंगस्टर तार बाबू और उसके चचेरे भाई गैंगस्टर हृदयानन्द यादव की आठ करोड़ से ऊपर की संपत्ति पुलिस ने कुर्क कर दी है. जिलाधिकारी अमित किशोर के आदेश पर पुलिस ने यह कार्रवाई की. कुर्की की इस कार्रवाई के दौरान पुलिस अधीक्षक (एसपी) डॉक्टर श्रीपति मिश्र भारी फोर्स के साथ तार बाबू के गांव बनकटा के रुस्तमपुर बहियारी गांव में मुस्तैद रहे.

एसपी डॉक्टर श्रीपति मिश्र ने बताया कि तस्करी करके तार बाबू ने करीब सात करोड़ की संपत्ति बनाई थी, जिसे जिला मजिस्ट्रेट के आदेश पर कुर्क कर दिया गया है. एसडीएम भाटपार रानी को कुर्क की गई संपत्ति का रिसीवर नियुक्त किया गया है. बनकटा थाना क्षेत्र के रुस्तम बहियारी गांव के रहने वाले तार बाबू यादव पुत्र रमाशंकर यादव के खिलाफ करीब 34 मुकदमे दर्ज हैं.

तार बाबू को पिछले दिनों पशु तस्करी के एक मामले में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था. इस समय वह जिला कारागार देवरिया में बंद है. पुलिस के अनुसार गिरोह बनाकर वह तस्करी समेत कई अपराधों में लिप्त रहा है. पिछले 12 वर्षों में उसने अपनी दहशत से सात करोड़ की संपत्ति बनाई है, जिसमें आलीशान मकान और कई महंगी जमीनें हैं.

पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार उसकी दहशत इतनी थी कि कोई भी कुछ कहने को तैयार नहीं होता. इसके चचेरे भाई व इसके गिरोह के सदस्य गैंगस्टर हृदयानन्द यादव की भी दो करोड़ दस लाख की संपत्ति को पुलिस ने 10 अगस्त को कुर्क किया है, जिसमें सलेमपुर के सोनबरसा में मकान और रुस्तम बहियारी गांव के पास सड़क पर कॉमर्शियल जमीन पर कुर्की का नोटिस बोर्ड लगा दिया गया है. इसके ऊपर भी हत्या, लूट व बलवा जैसी संगीन धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं. अभी जमानत पर चल रहा है.

टॉप मोस्ट तस्कर बना तार बाबू

आपको बता दें कि तार बाबू को राजनीतिक संरक्षण भी प्राप्त था, जिसके सहारे वह भाटपार रानी और बिहार के सिवान जिले का टॉप मोस्ट तस्कर बन गया. कुछ साल पहले तार बाबू ने भाटपाररानी के थानेदार गजेंद्र राय पर भी फायरिंग की थी. इस घटना के बाद भी वह फरार हो गया था. उसके खिलाफ शराब तस्करी, पशु तस्करी, अवैध शस्त्र, हत्या, लूट जैसे गंभीर अपराध के कुल 34 मुकदमे दर्ज हैं. उसके खिलाफ 25 हजार का इनाम भी घोषित किया गया था. 26 अगस्त को न्यायालय में तार बाबू ने आत्मसमर्पण कर दिया था.

बाहुबली अतीक अहमद की अवैध और बेनामी संपत्तियों के खिलाफ भी पुलिस कार्रवाई में जुट गई है. सबसे पहले 26 और 27 अगस्त को अतीक अहमद की साठ करोड़ की सात संपत्तियों को पुलिस ने जब्त करने की कार्रवाई की है, जिसमें खुल्दाबाद स्थित चकिया मोहल्ले में स्थित 02 मकान जिसकी बाजार कीमत लगभग 2.5 करोड़ रुपये, थाना धूमनगंज अन्तर्गत ओमप्रकाश सभासद नगर व कालिन्दीपुरम स्थित 02 मकान जिसकी कीमत करीब 2.5 करोड़ रुपये और थाना सिविल लाइन एमजी मार्ग स्थित मकान जिसकी कीमत करीब 20 करोड़ रुपये है.

इस तरह से भूमाफिया के चिन्हित मकान और आवासीय प्लाटों में पांच कुर्की की कार्रवाई करते हुए करीब 25 करोड़ की संपत्ति कुर्क और जब्तीकरण की कार्रवाई पहले दिन की गई थी. बची दो संपत्तियों को कुर्क करने की कार्रवाई पुलिस ने दूसरे दिन की थी, जिसमें खुल्दाबाद के चकिया मोहल्ले में एक मकान व करबला में एक मकान शामिल है.

दोनों मकानों की अनुमानित कीमत करीब 35 करोड़ रुपये है. इस तरह से दो दिन में अतीक अहमद की 60 करोड़ की 7 संपत्तियों को कुर्क करने की कार्रवाई पुलिस ने की है. इसके बाद पांच सितंबर को अतीक अहमद के करीबी रिश्तेदार इमरान के अवैध कब्जे वाली दो बिल्डिंगों पर प्रशासन ने बुलडोजर चलवाया. प्रशासन ने बिल्डिंग ध्वस्त कराकर कब्जा प्रयागराज प्राधिकरण को सौंप दिया है. इसके बाद सात सितंबर को अतीक अहमद की एक अवैध बिल्डिंग पर प्रशासन का बुलडोजर चला, जिसमें पांच सौ वर्ग गज में नजूल भूमि बने अवैध निर्माण को भी पुलिस और प्रशासन की मदद से पीडीए ने ध्वस्त कर कब्जा में ले लिया.

योगी सरकार की पहली कार्रवाई

अतीक अहमद की अवैध कब्जे वाली किसी बिल्डिंग पर ध्वस्तीकरण की ये योगी सरकार की पहली कार्रवाई थी. वहीं इसके बाद आठ सितंबर को भी अतीक के करीबियों के खिलाफ प्रयागराज विकास प्राधिकरण की कार्रवाई जारी रही. करेली इलाके के बाजूपुर- एनुद्दीनपुर में दस बीघा में अतीक के करीबी असाद अहमद, कल्लू और इसरार द्वारा की गई प्लाटिंग की बाउन्ड्री वाल पीडीए ने ध्वस्त करा दी है.

वहीं अभी भी अतीक की छह संपत्तियों की कुर्की की कार्रवाई 14 सितम्बर तक पूरा करने का आदेश डीएम ने जारी किया है. जबकि अतीक की झूंसी के कटका में स्थित लाखों की तीन भूखंडों को भी कुर्क करने का आदेश गैंगस्टर एक्ट के तहत डीएम ने दे दिया है.

प्रयागराज के यमुनापार में अपराध के एक अन्य बड़े नाम दिलीप मिश्रा के खिलाफ भी कार्रवाई तेज कर दी गई है. पुलिस ने नैनी चाका के पूर्व ब्लॉक प्रमुख दिलीप मिश्रा की 12 ऐसी संपत्तियों को चिन्हित किया है जो अपराध या बाहुबल से अर्जित की गई हैं. पुलिस ने डीएम को संपत्तियों का ब्योरा भेजा है जिस पर डीएम ने मुहर भी लगा दी है इसके बाद कार्रवाई अब शुरू कर दी जाएगी. इस कुर्की की कार्रवाई को 14 सितंबर तक पूरा करना है.

ये अवैध संपत्तियां दिलीप मिश्रा, व उनके नजदीकियों के नाम से अर्जित की गई है. पुलिस डोजियर के आधार पर दिलीप मिश्रा उनके परिजनों, रिश्तेदारों और साथियों के शस्त्र लाइसेंस का भी पुलिस चिन्हीकरण कर रही है. ताकि इन शस्त्र लाइसेंस को भी निरस्त कराया जा सके.

बेनामी संपत्तियों की जानकारी जुटा रही पुलिस

वही योगी सरकार के आदेश पर प्रयागराज पुलिस भदोही के दबंग और निषाद पार्टी के बाहुबली विधायक विजय मिश्रा पर भी शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है. विजय मिश्रा की गिनती पूर्वांचल के बड़े बाहुबलियों में होती है, लेकिन इन दिनों वह चित्रकूट जेल में बंद हैं. विजय मिश्रा भदोही से भले ही विधायक हैं, लेकिन प्रयागराज से लेकर मिर्जापुर तक उनका पूरा दखल है.

प्रयागराज के अल्लापुर इलाके में उनका एक मकान भी है. बाहुबली विधायक के जेल जाने के बाद प्रयागराज पुलिस ने उनकी बेनामी सम्पत्तियों को गैंगस्टर एक्ट के तहत जब्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी है. पुलिस विजय मिश्रा की बेनामी सम्पत्तियों के बारे में यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इन सम्पत्तियों को कभी पहले सीज तो नहीं किया गया था और यदि सीज किया गया था तो कब और किसके आदेश से सम्पत्तियों को रिलीज किया गया है.

पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि बाहुबली विजय मिश्रा की अपराध से अर्जित बेनामी सम्पत्तियों का मौजूदा समय में इस्तेमाल कौन कर रहा है. पुलिस के मुताबिक अभी बेनामी संपत्तियों के सत्यापन की पुलिस कार्रवाई कर रही है. इन संपत्तियों को चिन्हित कर कुर्की की कार्रवाई के लिए अनुमति भी ली जाएगी.