बिहार चुनाव: पहले चरण की 71 सीटों पर आज से नामांकन, आरजेडी का दुर्ग तो 7 मंत्रियों की साख दांव पर


बिहार विधानसभ चुनाव के पहले चरण के लिए गुरुवार से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो रही है. पहले चरण के 16 जिलों की 71 विधानसभा सीटों के लिए एक अक्टूबर से 8 अक्टूबर तक कैंडिडेट अपना नामांकन दाखिल कर सकेंगे जबकि 12 अक्टूबर को नाम वापस लेने की तारीख तय है. वहीं, प्रथम चरण के लिए 28 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे. पहले चरण में आरजेडी की साख दांव पर लगी है तो नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के सात मंत्रियों की किस्मत का भी फैसला होना है.

पहले चरण के 16 जिले

बिहार विधानसभा चुनाव में पहले चरण में 16 जिलों की विधानसभा सीटों पर वोट 28 नवंबर को वोटिंग होगी. इनमें भागलपुर, बांका, मुंगेर, लखीसराय, शेखपुरा, पटना, भोजपुर, बक्सर, सासाराम, कैमूर, अरवल, जहानाबाद, औरंगाबाद, गया, नवादा और जमुई जिले की विधानसभा सीटें हैं.

आरजेडी के पास सबसे ज्यादा सीटें

पहले चरण के जिन 16 जिलों की 71 विधानसभा सीटों पर 28 अक्टूबर को वोटिंग होनी है. यह आरजेडी का मजबूत दुर्ग माना जाता है. 2015 के चुनाव में लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार ने मिलकर एनडीए का सफाया कर दिया था. पहले चरण 71 सीटों में से 25 पर आरजेडी का कब्जा है जबकि 21 सीटें जेडीयू के पास हैं. बीजेपी को यहां 14 सीटें मिली थीं और कांग्रेस ने 8 सीटों पर जीत दर्ज की थी. इसके अलावा जीतनराम मांझी की हिंदुस्तान आवाम मोर्चा को एक, सीपीआई को एक और एक सीट पर निर्दलीय को जीत मिली थी. एलजेपी को एक भी सीट नहीं मिली थी.

एनडीए का पल्ला भारी

हालांकि, इस बार समीकरण बदल गए है. नीतीश कुमार महागठबंधन का साथ छोड़कर एनडीए की अगुवाई कर रहे हैं. इस आधार पर देखें तो पहले चरण की आधी सीटों पर जेडीयू-बीजेपी-HAM का कब्जा है. इन तीनों दलों के पास 36 सीटें हैं जबकि कांग्रेस और आरजेडी का 33 सीटों पर कब्जा है. पहले चरण में तेजस्वी यादव के सामने अपनी सीटों को बचाए रखने की बड़ी चुनौती होगी.

नीतीश के 7 मंत्रियों की साख दांव पर

पहले चरण में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले एनडीए सरकार के 7 मंत्रियों की किस्मत का फैसला होना है. इनमें चार जेडीयू कोटे से मंत्री हैं तो तीन बीजेपी कोटे के मंत्री हैं. जेडीयू कोटे से मंत्रियों में जमालपुर से जीते शैलेश कुमार, घोसी से जीते कृष्णनंदन वर्मा, राजपुर से जीते संतोष कुमार निराला और दिनारा से जीते जय कुमार सिंह शामिल हैं. वहीं, बीजेपी कोटे वाले मंत्रियों में बांका से राम नारायण मंडल, चैनपुर से बृज किशोर बिन्द, और गया से जीते प्रेम कुमार शामिल हैं.

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय भी जिन सीटों से लड़ सकते हैं, वो सीटें भी इसी पहले चरण में शामिल हैं. इसके अलावा कांग्रेस विधायक दल के नेता सदानंद सिंह की चुनाव सीट कहलगांव में भी पहले चरण में ही चुनाव होने हैं.

सबसे ज्यादा यादव MLA

पहले फेज की 71 में से 22 सीटों पर यादव समुदाय के विधायकों का कब्जा है. 2015 के चुनाव में यहां पर सबसे ज्यादा यादव समुदाय के विधायक जीतने में सफल रहे थे. इन 71 सीटों में से 22 यादव जीते हैं जबकि राजपूत, भूमिहार और कुशवाहा समुदाय के सात-सात विधायक जीते थे. वहीं, तीन सीटों पर कुर्मी समुदाय के विधायक का कब्जा है जबकि 13 सुरक्षित सीटों पर एससी-एसटी समुदाय के विधायक जीते हैं.

प्रथम दौर की 71 विधानसभा सीटें

बिहार चुनाव के पहले चरण की विधानसभा सीटें है, जिनमें कहलगांव, सुल्तानगंज, अमरपुर, धोरैया (एससी), बांका, कटोरिया (एसटी), बेलहर, तारापुर, मुंगेर, जमालपुर, सूर्यगढ़, लखीसराय, शेखपुरा, बारबीघा, मोकामा, बाढ़, मसौढ़ी (एससी), पालीगंज, बिक्रम, संदेश, बराहरा, आरा, अगियांव (एससी), तरारी, जगदीशपुर, शाहपुर, ब्रह्मपुर, बक्सर, दुमरांव, रायपुर (एससी), मोहनिया (एससी), भाबुआ, चैनपुर, चेनारी (एससी), सासाराम, करगहर, दिनारा, नोखा, देहरी, कराकट, अरवल, कुर्था, जेहानाबाद, घोसी, मखदूमपुर (एससी), गोह, ओबरा, नबी नगर, कुटुम्बा (एससी), औरंगाबाद, रफीगंज, गुरुआ, शेरघाटी, इमामगंज, (एससी), बाराचट्टी (एससी), बोध गया (एससी), गया टाउन, टीकरी, बेलागंज, अतरी, वजीरगंज, राजौली (एससी), हिसुआ, नवादा, गोबिंदपुर, वरसालीगंज, सिकंदरा (एससी), जमुई, झाझा, चकाई सीटें शामिल हैं.