यूपी : योगी सरकार सख्त, गोवध में हुईं NSA की आधी से अधिक गिरफ्तारियां

उत्तर प्रदेश (यूपी) में कई लोगों के खिलाफ गोवध के आरोप में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए, रासुका) लगाए गए हैं. हालिया घटना 6 सितंबर की है जिसमें बहराइच के एक शख्स के खिलाफ गोवध में एनएसए लगाया गया. यूपी सरकार ने गोवध के खिलाफ कड़े कानून बनाए हैं जिसमें एनएसए के तहत कार्रवाई हो रही है. एनएसए के आधे से ज्यादा केस कथित तौर पर गोवध से जुड़े हैं.

प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी के मुताबिक, इस साल 19 अगस्त तक यूपी में पुलिस ने 139 लोगों के खिलाफ एनएसए लगाया है जिनमें 76 गोवध से जुड़े हैं. 31 अगस्त तक अकेले बरेली जोन में इस मामले में 44 मामले दर्ज किए गए. इससे विपरीत पुलिस ने महिला और बच्चों के खिलाफ अपराध में 6 लोगों पर केस दर्ज किया. साल 2020 में अब तक 37 लोगों के खिलाफ जघन्य अपराध और 20 के खिलाफ अन्य आरोपों में एनएसए लगाया गया है. एनएसए के तहत 13 गिरफ्तारियां की गई हैं जो इस साल नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन से जुड़े हैं. 'इंडियन एक्सप्रेस' ने इसकी जानकारी दी.

एनएसएस के तहत बिना किसी आरोप के किसी व्यक्ति को 12 महीने तक हिरासत में रखा जा सकता है. ऐसा तब होता है जब प्रशासन को लगता है कि उक्त व्यक्ति राष्ट्रीय सुरक्षा या कानून-व्यवस्था के खिलाफ खतरा पैदा कर सकता है. अवस्थी ने एक बयान में कहा, यूपी के मुख्यमंत्री ने साफ शब्दों में कहा है कि जो लोग शांति और कानून-व्यवस्था के खिलाफ अपराधों को अंजाम देते हैं उनके खिलाफ एनएसए लगाया जा सकता है. मुख्यमंत्री का यह निर्देश इसलिए है ताकि अपराधियों में कानून का भय रहे और आम लोगों में सुरक्षा की भावना प्रबल हो.

एनएसए के अलावा इस साल 26 अगस्त तक उत्तर प्रदेश प्रिवेंशन ऑफ काऊ स्लॉटर एक्ट के तहत 1716 मामले दर्ज किए गए हैं और 4 हजार से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारियां हुई हैं. हालांकि इसी मामले में 32 लोगों के खिलाफ क्लोजर रिपोर्ट भी दाखिल की गई है क्योंकि पुलिस आरोपियों के खिलाफ साक्ष्य नहीं जुटा सकी. इसके अलावा पुलिस ने यूपी गैंगस्टर एक्ट में 2384 लोगों और गुंडा एक्ट में 1742 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है. बीते रविवार को एनएसए के तहत गोरखपुर पुलिस जोन में दो गिरफ्तारियां हुईं. इसी जोन के तहत बहराइच भी आता है.