प्राइवेट स्कूल की फीस मामलाः पंजाब सरकार ने HC की एकलपीठ के फैसले को दी चुनौती

पंजाब की कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार ने लॉकडाउन के दौरान की स्कूल फीस के पेमेंट मामले में हाई कोर्ट की एकलपीठ के फैसले को चुनौती दी है. सिविल प्रक्रिया संहिता यानी सीपीसी की धारा 151 और ऑर्डर 41 के रूल 5 के तहत दाखिल लेटर पेटेंट्स अपील (एलपीए) में एकलपीठ के फैसले पर रोक लगाने की मांग की गई है.
दरअसल, 30 जून को पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट की एकलपीठ ने अपने फैसले में प्राइवेट स्कूलों को लॉकडाउन के दौरान की फीस लेने की इजाजत दी थी. फिर चाहे इस दौरान स्कूल ने ऑनलाइन क्लास का प्रस्ताव दिया हो या न दिया हो.
हाई कोर्ट ने अभिभावकों को झटका देते हुए प्राइवेट स्कूलों को राहत दी थी. हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि स्कूल ट्यूशन फीस, एडमिशन फीस और एनुअल फीस चार्ज कर सकते हैं. हालांकि यह फीस बढ़ाई नहीं जाएगी और साल 2019 की तरह ही रहेगी.
हाई कोर्ट ने प्राइवेट स्कूलों को निर्देश दिया था कि अगर फाइनेंसियल वजहों से कोई अभिभावक अपने बच्चे की फीस नहीं भर पा रहा है, तो उसकी दलील सुनी जाए. अगर किसी प्राइवेट स्कूल का खर्चा पूरा नहीं हो पा रहा है, तो वह स्थानीय डिस्ट्रिक्ट एजुकेशन ऑफिसर को लिखकर इसकी जानकारी दे सकता है.
हाई कोर्ट की एकलपीठ ने 30 जून के अपने फैसले में कहा था कि प्राइवेट स्कूलों का अपने टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ को सैलरी देनी होती है. साथ ही बिल्डिंग समेत अन्य पर खर्चे हो रहे हैं, इसलिए स्कूलों को राहत दी जानी चाहिए.
अब पंजाब सरकार ने हाई कोर्ट की एकलपीठ के इसी फैसले को चुनौती दी है. पंजाब की अमरिंदर सिंह सरकार ने अपनी अपील में कहा कि न्यायहित में इस फैसले पर रोक लगानी चाहिए. यह अपील पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट की दूसरी पीठ के समक्ष की गई है. इसका मतलब यह है कि अमरिंदर सिंह सरकार ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट की एकलपीठ के फैसले को दूसरी पीठ के समक्ष चुनौती दी है.