नारकोटिक्स ब्यूरो ने PPE किट पहन की कार्रवाई, 355 किलो अफीम बरामद, 11 गिरफ्तार

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने झारखंड से चलने वाले तस्करी के एक बड़े गैंग का भंडाफोड़ किया है. नारकोटिक्स ब्यूरो ने महज मई के महीने में ही 355 किलो अफीम बरामद की है. 6 अलग-अलग मामलों में ब्यूरो ने कुल 11 तस्करों को गिरफ्तार किया है. इनमें से 3 मामले उत्तर प्रदेश के जबकि 3 राजस्थान के हैं. खास बात ये है कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की टीम ने पीपीई किट पहन कर सभी जगहों पर छापेमारी की.

  • नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की बड़ी कार्रवाई
  • अलग-अलग जगहों पर की गई थी छापेमारी

ब्यूरो के मुताबिक ये गैंग पूरे उत्तर भारत में अफीम की सप्लाई किया करता था. लॉकडाउन के दौरान तस्करी के लिए गैंग ने उन ट्रकों का इस्तेमाल किया जिनके पास ई-पास थे. दरअसल, लॉकडाउन के दौरान नारकोटिक्स ब्यूरो को जानकारी मिली कि तस्करों के कई गैंग बॉर्डर पर तस्करी के लिए या तो जाली ई-पास का इस्तेमाल कर रहे हैं या फिर उन गाड़ियों का इस्तेमाल करते हैं, जिनको जरूरी सामानों की आवाजाही के लिए पास जारी किया गया था.

नारकोटिक्स ब्यूरो ने जब अपनी जांच का दायरा बढ़ाया तो उन्हें पता लगा कि अफीम की एक बड़ी मात्रा झारखंड के नक्सल प्रभावित इलाके से आ रही है. वहां से निकली अफीम पूरे उत्तर भारत में भेजी जा रही है. इस जानकारी के बाद नारकोटिक्स ब्यूरो ने अपने उत्तर भारत की तमाम यूनिट्स को सतर्क कर दिया. जिसका नतीजा ये हुआ कि महीने भर में ही 11 लोग पकड़े गए और 355 किलो अफीम भी जब्त कर ली गई.

ब्यूरो के मुताबिक कई राज्यों में वर्ष 2019 और 2020 में अफीम की खेती नष्ट की गई. नारकोटिक्स अधिकारियों के मुताबिक अरूणाचल प्रदेश में 1705 एकड़, मनीपुर में 4190 एकड़, उत्तराखंड में 561 एकड़, बिहार में 154 एकड़, झारखंड में 1002, पश्चिम बंगाल में 1631, जम्मू-कश्मीर में 1123 और हिमाचल प्रदेश में 35 एकड़ में लगी अफीम को नष्ट किया गया.