पाकिस्तान में मस्जिदों से कोरोना का ट्रांसमिशन, घर पर ही नमाज पढ़ने की अपील

कोरोना वायरस का असर पाकिस्तान में भी लगातार बढ़ता जा रहा है. यहां कुल मामलों की संख्या 13 हजार का आंकड़ा पार कर चुकी है. इस बीच पाकिस्तानी इस्लामिक मेडिकल एसोसिएशन ने अपनी रिसर्च में दावा किया है कि पाकिस्तान में कोरोना वायरस का लोकल ट्रांसमिशन जारी है और इसकी वजह धार्मिक स्थल बन रहे हैं.

  • पाकिस्तान में बढ़ता जा रहा कोरोना का कहर
  • मस्जिदों से फैल रहा है लोकल ट्रांसमिशन: PIMA

PIMA के प्रमुख इफ्तिकार बर्नी के मुताबिक, पाकिस्तान में मस्जिदों का बंद ना होना चिंता का विषय बना है और यही कारण है कि देश में जो लोकल ट्रांसमिशन है, वह मस्जिदों के जरिए फैला है. पिछले एक हफ्ते में ये आंकड़ा तेजी से बढ़ा है.

इस संकट के बीच अब अपील की जा रही है कि रमजान में लोग घर में रहकर ही नमाज़ पढ़ें और मस्जिद ना आएं. बता दें कि बीते दिनों संस्थान ने एक आंकड़ा जारी करते हुए दावा किया था कि पाकिस्तान में करीब 79 मामले लोकल ट्रांसमिशन से जुड़े हैं.

इफ्तिकार के मुताबिक, पाकिस्तान में मई और जून में कोरोना वायरस के आंकड़ों में तेजी आएगी और ये मामले दोगुना रफ्तार से बढ़ सकते हैं. गौरतलब है कि पाकिस्तान में कोरोना वायरस के कहर के बीच भी पूरी तरह से लॉकडाउन लागू नहीं किया गया है.

केंद्रीय सरकार के द्वारा लॉकडाउन का ऐलान ना होने पर सिर्फ प्रांतों की सरकार ने इसका ऐलान किया. इसके अलावा मस्जिदों पर बैन नहीं लगाया गया, जिसकी वजह से वहां पर लगातार भीड़ एकत्रित होती गई. पाकिस्तान में कई संगठनों ने इस आवाज़ को उठाया था कि रमजान में मस्जिदों को बंद रखा जाए, लेकिन सरकार की ओर से ऐसा फैसला नहीं लिया गया.

हालांकि, सरकार की ओर से निर्देश जारी किया गया कि मस्जिदों में एक वक्त में 50 से अधिक लोग इकट्ठे ना हों. गौरतलब है कि दुनिया के कई देशों ने मस्जिदों में प्रार्थना करने पर रोक लगाई है. यूएई, सऊदी अरब, अल्जेरिया, जोर्डन, टर्की, सीरिया समेत कई अन्य इस्लामिक देशों ने कोरोना के चलते मस्जिदों को बंद करने का फैसला लिया है.