चुनावी मैनेजमेंट में माहिर है ठाकुर साहब, क्रेज किसी से छिपा नहीं

अपने ठाकुर साहब का क्रेज किसी से छिपा नहीं है। अपने चुनावी मैनेजमेंट का लोहा वह दूसरे प्रदेशों में भी दिखा चुके है। उनके चुनावी कौशल का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उनके नेतृत्व में दो बार सूबे में कमल खिल चुका है। यह कोई अचंभा नहीं कि उन्हें ईएमसी का चेयरमैन बनाया गया है।
कुछ नेता ही बिरले होते है जिनका स्वभाव मृदु और गंभीर होता है। ऐसे ही व्यक्तित्व के धनी अंचल के सांसद और केन्द्रीय मंत्री ठाकुर साहब है। ठाकुर साहब जहां अपने सौम्य व्यवहार और कर्तव्य कर्मठता के लिये जाने जाते है। वही उन्हें चुनावी मैनेजमेंट गुरू भी कहा जाता है। उनके कुशल प्रबंधन में सूबे में दो बार कमल खिल चुका है। वहीं गुजरात, उत्तरप्रदेश जैसे राज्यों में भी उनकी चुनावी रणनीति काफी कारगर सिद्ध हुई है इसलिए उन्हें कुशल प्रबंधक भी माना जाता है। उनके चुनावी प्रबंधन को देख सूबे के प्रबंधन की पूरी जिम्मेदारी शिवराज ने अपने सखा को ही सौंप दी है। कुल मिलाकर कहा जाये तो एक बार फिर ठाकुर साहब के कंधे पर ही सूबे में लगातार 4थी बार सरकार बनाने की पूरी जिम्मेदारी आ गई है।