फटीं सड़कें, जमींदोज मकान और 31 मौतें, पाकिस्तान में सिर्फ तबाही के निशां

मंगलवार को उत्तर भारत और पाकिस्तान में लोगों ने भूकंप के तेज झटके महसूस किए. भारत में तो भूकंप की वजह से जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ लेकिन पड़ोसी देश पाकिस्तान में भूकंप मंगलवार को भारी तबाही लेकर आया. भूकंप के तेज झटकों की वजह से पाकिस्तान के अलग-अलग हिस्सों में कई इमारतें जमींदोज हो गई और सड़कें फट गईं. इस भीषण प्राकृतिक आपदा की वजह से अब तक पाकिस्तान और PoK में 31 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि सैकड़ों लोग घायल हुए हैं. इस बात की पुष्टि खुद पाकिस्तान के गृह विभाग ने की है.

पाकिस्तान में भूंकप से सबसे ज्यादा तबाही पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में हुई है. वहां पर भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 5.8 दर्ज की गई थी. डॉन न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, भूकंप के झटके जोरदार तरीके से आठ से 10 सेकंड तक महसूस किए गए.

अमेरिका के भूगर्भीय सर्वे के मुताबिक, स्थानीय समयानुसार शाम चार बजे के थोड़ी ही देर बाद आए भूकंप का केंद्र पीओके से 1 किलोमीटर दक्षिणपूर्व में 10 किलोमीटर की गहराई में स्थित था. अधिकारियों ने बताया कि इसका असर इस्लामाबाद, पंजाब, खैबर पख्तूनख्वा के  ज्यादातर इलाकों में महसूस किया गया और इमारतों को भारी नुकसान पहुंचा.

हालांकि भूकंप की वजह से सबसे ज्यादा तबाही और बर्बादी पीओके के मीरपुर में हुई है. वहां संभागीय आयुक्त चौधरी मोहम्मद तैयब ने बताया कि मीरपुर में भूकंप की चपेट में आने से 26 लोग मारे गए हैं. इनमें तीन बच्चे भी शामिल हैं. इलाके के जतलान नाम के गांव में दस लोगों की मौत हुई है. उन्होंने कहा कि तीन सौ से अधिक लोग घायल हुए हैं जिनमें से 35 की हालत गंभीर है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को पाकिस्तान में आए भूकंप की वजह से हुई जनहानि और संपत्तियों के नुकसान पर दुख जताया. पीएमओ ने ट्वीट कर कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत और पाकिस्तान के कुछ भागों में आए भूकंप की वजह से जनहानि और संपत्तियों के नुकसान पर दुख जताया है. प्रधानमंत्री ने पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त की है और घायलों के जल्द से जल्द स्वस्थ होने की कामना की है.'

इससे पहले 2005 में भी जम्मू-कश्मीर में ऐसा ही तेज भूकंप आया था. उसमें कश्मीर में काफी नुकसान हुआ था. उस समय 7.6 स्केल का भूकंप आया था, जिसमें काफी लोगों की मौत हुई थी.

पाकिस्तान के जियो न्यूज चैनल के मुताबिक पीओके में नहर के किनारे करीब 20 गांव भी भूकंप की चपेट  में आ गए  हैं जिस वजह से वहां हजारों लोग मुश्किल में फंस सकते हैं. बता दें कि 8 अक्टूबर, 2005 में भी पीओके में भूकंप ने भारी तबाही मचाई थी.

नहर पर बने पुल के भी क्षतिग्रस्त होने की बात सामने आ रही है. आसपास के गांवों में अब नहर का पानी भरने का भी खतरा मंडरा रहा है.