मस्जिदों में नहीं दिखे लोग, सुनसान रहे बाजार, लॉकडाउन

कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन ने इस बार ईद की मिठास को भी फीका कर दिया. सोशल डिस्टेंसिंग की लक्ष्मण रेखा ने लोगों को गले लगकर बधाई देने और खुशियां बांटने तक का मौका नहीं दिया. लोग ना तो बाजारों में नजर आए और ना मस्जिदों में.

मस्जिदों में नहीं दिखे लोग, सुनसान रहे बाजार, लॉकडाउन में ऐसी रही ईद

इस्लाम धर्म के लोगों के लिए ईद का त्योहार बेहद खास होता है. सजने-संवरने से लेकर दोस्तों और रिश्तेदारों के लिए पार्टी का आयोजन बड़ा यादगार रहता है. शायद ही किसी ने ईद पर पूरी दुनिया में पसरे ऐसे सन्नाटे की कल्पना की होगी.

संक्रमण फैलने के डर से सरकार ने मस्जिदों में लोगों के इकट्ठा होकर नमाज पढ़ने पर रोक लगा रखी है. वायरस का डर इतना ज्यादा है कि लोग गले मिलना तो दूर हाथ मिलाने से भी कतरा रहे हैं. ज्यादातर लोगों ने घरों में कैद रहकर ही अल्लाह की इबादत की. पुरानी दिल्ली की सड़कें जो ईद के मौके पर गुलजार रहती थीं, उन्हें देखकर ऐसा लगता है जैसे खुशियां इन सड़कों का रास्ता ही भूल गई हों.

लॉकडाउन के बीच ईद की ये तस्वीर सोमवार सुबह की है. लाल किले और जामा मस्जिद के नजदीकी इलाकों में यहां दिनभर पुलिस गश्त लगाती रही. सुरक्षाकर्मियों को डर था कि कहीं लोग ईद के चलते सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां ना उड़ाकर रख दें.

ऐसे ही नजारा मुंबई के एक रेलवे स्टेशन के बाहर दिखाई दिया, जहां सड़कों से इंसान नदारद थे. ईद पर ये सड़कें कभी इस तरह सूनी नहीं नजर आईं. ऐसा लगता है घरों में कैद लोग पिछली ईद की यादों में ही डूबे रहे होंगे. पिछले साल यानी 2019 में इसी जगह ईद का त्योहर बड़े जश्न के साथ मनाया गया था. शहर की तमाम मस्जिदों को इतनी खूबसूरती से सजाया गया था कि लोग जाति-धर्म का भेद भूलकर उनका दीदार करने को उत्सुक थे.