चारा घोटाला: लालू प्रसाद को अबतक की सबसे बड़ी सजा, 14 साल जेल 60 लाख जुर्माना

चारा घोटाला के चौथे मामले में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद को 14 साल की सजा सुनाई गई है. इसके साथ ही उन्हें 60 लाख का जुर्माना भी देना होगा. कोर्ट ने लालू को दुमका ट्रेजरी से हुए घोटाले में आईपीसी और पीसी एक्ट की धाराओं के तहत सात-सात साल की सजा और 30-30 लाख का जुर्माना लगाया है.

ये दोनों सजा एक के बाद एक काटनी होगी यानि सात साल की सजा काटने के बाद फिर से सात साल की सजा काटनी होगी. आर्थिक जुर्माना न देने की स्थिति में ये सजा दो साल और बढ़ जायेगी. बीते बुधवार से लेकर शुक्रवार तक सभी 19 दोषियों की सजा पर सुनवाई हुई. दुमका कोषागार से जुड़े इस मामले में सीबीआई कोर्ट ने 31 आरोपियों में से लालू प्रसाद समेत 19 को दोषी ठहराया था जबकि पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र, पूर्व सांसद जगदीश शर्मा समेत 12 को निर्दोष करार दिया.

क्या है दुमका कोषागार मामला

दुमका में पशुपालन पदाधिकारियों, प्रशासनिक अफसरों और राजनेता की मिलीभगत से आपूर्तिकर्ताओं ने 96 फर्जी वाउचर के जरिए दिसंबर 1995 से जनवरी 1996 के बीच कोषागार से 3 करोड़ 76 लाख की अवैध निकासी की थी. यह निकासी जिले के गांवों और कस्बों में पशुओं की खाद्य सामग्री, दवा व कृषि उपकरणों के वितरण के नाम पर की गई थी जबकि उस दौरान धन आवंटन की अधिकतम सीमा मात्र एक लाख 50 हजार थी.

49 आरोपियों में से 14 की हो चुकी मौत

इस मामले करीब 22 वर्षों तक सीबीआई की अदालत में चली. सुनवाई के दौरान सीबीआई ने 49 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर कर करीब दो सौ गवाहों को पेश किया. 49 आरोपियों में तीन सरकारी गवाह बन गए, जिनमें से एक की मौत हो चुकी है जबकि दुमका के तत्कालीन कमिश्नर एसएन दुबे पर लगे आरोप ऊपरी अदालत से निरस्त हो गए. ट्रॉयल के दौरान कुल 14 आरोपियों की मौत हो गई . इस केस में संयुक्त बिहार के दो पूर्व सीएम लालू प्रसाद और जगन्नाथ मिश्र सहित कुल 31 आरोपियों पर ट्रायल चली.

देवघर और चाईबासा मामले में काट रहे सजा

चारा घोटाला के दे‌वघर और चाईबासा मामले में लालू प्रसाद को सजा सुनाई जा चुकी है. देवघर मामले में साढ़े तीन साल और चाईबासा केस में पांच साल की सजा लालू यादव रांची की होटवार जेल में काट रहे हैं.