Economic Survey: 7% रहेगी GDP-कम वित्तीय घाटा, आर्थिक सर्वे में ऐसी दिखी अर्थव्यवस्था की तस्वीर

मोदी सरकार 2.0 का पहला बजट शुक्रवार को पेश होना है. बजट से पहले गुरुवार को सरकार ने संसद में आर्थिक सर्वे पेश किया. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के सामने चुनौतियां हैं कि वह आम आदमी की उम्मीदों पर खरा उतर सके. ऐेसे में आर्थिक सर्वे में क्या बड़ी बातें हैं, यहां पढ़ें...

मोदी सरकार 2.0 का पहला बजट शुक्रवार को पेश होना है. बजट से पहले गुरुवार को सरकार ने संसद में आर्थिक सर्वे पेश किया. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के सामने चुनौतियां हैं कि वह आम आदमी की उम्मीदों पर खरा उतर सकें. राज्यसभा और लोकसभा में आर्थिक सर्वे पेश कर दिया गया है. सर्वे के अनुसार, 2019-20 में देश की जीडीपी ग्रोथ रेट 7 फीसदी तक रह सकती है. इससे आगामी वित्त वर्ष के लिए नीतिगत फैसलों के संकेत भी मिले हैं.

आर्थ‍िक सर्वे में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2018-19 में वित्तीय घाटे में कमी आई है और यह जीडीपी के सिर्फ 5.8 फीसदी रहा, जबकि इसके पिछले साल यह 6.4 फीसदी था. आर्थिक सर्वे के अनुसार अगर भारत को 2025 तक 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाना है तो लगातार जीडीपी में 8 फीसदी की ग्रोथ रफ्तार हासिल करनी होगी.

चुनाव की वजह से आई ग्रोथ में कमी

आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि रिजर्व बैंक के मौद्रिक नीति उपायों से लोन के ब्याज दरों में कटौती करने में मदद मिलेगी. इसी तरह निवेश दर में जो कमी आ रही थी, वह भी अब लगता है कि रुक जाएगी. जनवरी से मार्च तिमाही में जीडीपी ग्रोथ में गिरावट पर आर्थ‍िक सर्वे में कहा गया है कि यह चुनाव संबंधी अनिश्चितता की वजह से था.

इसके अलावा पिछले वित्त वर्ष में कम ग्रोथ होने की एक वजह एनबीएफसी संकट भी है. गौरतलब है कि मार्च तिमाही में जीडीपी में बढ़त महज 5.8 फीसदी थी.

तेल की कीमतों में आएगी कमी

आर्थ‍िक सर्वे में कहा गया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में कमी आ रही है, जिसकी वजह से इस वित्त वर्ष में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी आ सकती है.