पशुपालकों की मदद के लिए दिए जाएंगे 15 हजार करोड़ रुपये- वित्त मंत्री

प्रधानमंत्री मोदी द्वारा मंगलवार 12 मई को किए गए 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज की घोषणा के बाद वित्त मंत्री हर दिन सिलसिलेवार ढंग से एक-एक सेक्टर के लिए उठाए गए कदमों और उन्हें दी गई छूटों की विस्तृत जानकारी दे रही हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज इस पैकेज की तीसरी किस्त की जानकारी दी. शुरुआती दो किस्त में MSME सेक्टर और प्रवासी मजदूरों के लिए ऐलान किए जा चुके हैं.

अपनी तीसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्री ने शुक्रवार को कृषि क्षेत्र से जुड़ीं तमाम योजनाओं और रियायतों के बारे में जानकारी दी. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि कृषि आधारभूत ढांचे के लिए एक लाख करोड़ रुपये दिए जाएंगे.

इसके साथ ही वित्त मंत्री ने सरकार की तरफ से पशुपालन इंफ्रास्ट्रक्चर विकास निधि की घोषणा की. इसके तहत डेयरी प्रोसेसिंग, मूल्य संवर्धन और पशु चारे से संबंधित इंफ्रास्ट्रक्चर में निजी निवेश का समर्थन करने के लिए 15,000 करोड़ रुपयों की व्यवस्था की गई है.

वित्त मंत्री ने यह भी कहा 2020-21 के लिए डेयरी सहकारी समितियों को ब्याज में 2% वार्षिक छूट की नई योजना शुरू की गई है. वित्त मंत्री का अनुमान है कि इस योजना के जरिए 5000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त लिक्विडिटी को अनलॉक किया जा सकेगा. इसके साथ ही इस योजना से 2 करोड़ किसानों को लाभ पहुंचेगा.

 कोरोना संकट काल में पशुपालन के क्षेत्र में उठाए जाने वाले कदमों के बारे में बताते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान दूध की मांग में 20 से 25 फीसदी की कमी आई है. सहकारी समितियों द्वारा हर दिन 560 लाख लीटर दूध का उत्पादन किया जा रहा है लेकिन प्रतिदिन की बिक्री महज 360 लाख लीटर ही है. जिस 111 करोड़ लीटर दूध का अतिरिक्त उत्पादन हो रहा है उसकी कुल कीमत 4100 करोड़ रुपये है.

वित्त मंत्रालय के मुताबिक इसी वजह से डेयरी सहकारी समितियों को वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए ब्याज में 2 फीसदी की छूट प्रदान करने की योजना लागू की गई है. इसके अलावा शीघ्र भुगतान करने पर ब्याज में दो प्रतिशत वार्षिक के अतिरिक्त छूट की भी व्यवस्था की गई है. वित्त मंत्रालय का अनुमान है कि इस योजना की वजह से देश से कम से कम दो करोड़ किसानों को फायदा होगा और पांच हजार करोड़ की अतिरिक्त लिक्विडिटी अनलॉक होगी.

बता दें कि गुरुवार की अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने संयुक्त रूप से अपने विभाग द्वारा देश के किसानों, प्रवासी मजदूरों और गरीबों के लिए दी गई रियायतों की घोषणा की थी.