इलेक्ट्रॉनिक्स तराजू में रिमोट लगाकर वजन कम उपभोक्ताओं से हो रही है ठगी, प्रशासन है बेखर है ठगी से

ग्वालियर. त्यौहारों के मौसम में जहां लोग अपने घरों की सफाई कर पुराने सामान को बेच रहे हैं। वहीं शहर में कबाड़ खरीदने वाले कुछ व्यापारी तकनीकी ठगी का नया तरीका अपनाये हुए है। इलेक्ट्रॉनिक्स तराजू में रिमोट लगाकर वजन घटाया जा रहा है। जिससे ग्राहकों को हजारों रूपये चूना लगा हरे है। हालात कबाड़ा खरीदने वाले वनज 3 से 4 वजन कम कर शहर के लोगों की आंखों में धूल झोंक रहे है। यह पूरा खेल रिमोट से चलने वाले तराजू का है। जिसने ग्वालियर शहर में लोगों को ठगने का नया जरिया बना दिया है।

दीपावली पर कबाड़ की बिक्री बढ़ी दीपावली की सफाई के चलते इन दिनों शहर के हर इलाके में लोग पुराने लोहे, इलेक्ट्रॉनिक सामान और कबाड़ा बेच रहे है। इसी का लाभ उठाते हुए अधिकांश कबाड़ी रिमोट तराजू के जरिये ठगी कर रहे है। लोग पुराने कूलर, जनरेटर, एसी, ब्ैटरी और लोहे का सामान बेच रहे हैं। लेकिन बदले में उन्हें सही दाम नहीं मिल पा रहा है। स्थानीय निवासियों ने बताया है कि कई बार तराजू में वजन कम आने पर जब कबाड़ी से सवाल किया गया तो उसने मशीन दोबारा वजन किया लेकिन रिमोट की वजह से वजन वहीं निकला।

लोहिया बाजार में लगती है डिवाइस

इलेक्ट्रॉनिक तराजू बेचने वाले कारोबारी गौरव समाधिया ने बताया है कि लोहिया बाजार में कुछ दुकानों पर इलेक्ट्रॉनिक तराजू में डिवाइस लगाने का काम किया जा रहा है। डिवाइस लगाने के बाद रिमोट थमा दिया जाता है। जिससे वजन में हेर फेर शुरू हो जाता है।

ठगी से बच गये

खेड़ापति कॉलोनी निवासी एक परिवार ने गत दिवस घर में रखे अपने जेनरेटर कबाड़ी को बेचा। उन्हें इलेक्ट्रॉनिक तराजू में रिमोट की जानकारी दी। उनके जनरेटर का जब कबाड़ी ने वनज किया तो वह एक क्विंटन का निकला। उन्हें शक के आधार जब कबाडछ़ी की तलाशी ली तो उसकी शर्ट में रिमोट निकला। इस पर जब उन्होंने पुलिस बुलाने की धमकी दी तो कबाड़ी ने सही तोल की और मशीन पर उसी जनरेटर का वजन 3 क्विंटल निकला।

रिमोट कैसे चलता है खेल-

जानकारी के अनुसार कबाड़ी व्यापारी अब साधारण तराजू की जगह इलेक्ट्रॉनिक वेटिंगमशीन का उपयोग कर रहे है। इन तराजू में एक विशेष सर्किट डिवाइस लगाया जाता है जो रिमोट से कनेक्ट रहता है। जैसे ही रिमोट का बटन दबाया जाता है तो मशीन पर दिखने वाला वजन अचानक कम हो जाता है।

प्रशासन है बेखर-

इस पूरे खेल से शहरवासी नाराज है। नागरिकों ने प्रशासन से कार्यवाही की मांग की है। अभी तक नगर निगम या खाद्य एवं मापतोल विभाग की कोई सख्त जांच नहीं हुई है। विशेषज्ञों का कहना है कि रिमोट कंट्रोल वाले तराजू मापतौल अधिनियम के तहत पूरी तरह से अवैध है। इनका प्रयाग दंडनीय अपराध है।

लोहा 40 रूपये की जगह 27 रूपये किलो

दूसरी ओर बाजार में इन दिनों कबाड़ा अधिक निकल रहा है। इसका लाभ उठाते हुए कबाड़े का व्यापार करने वाले लोगों ने रद्दी और लोहे के दामों में गिरावट कर दी है। कुछ ही दिनों पहले तक 35-40 रूपये प्रति किलो बिकने वाला लोहा अब मात्र 22 रूपये किलों बिक रहा है। थोक ब्यापारी इसे 26 रूपये किलो खरीद रहे हैं। वहीं मिल संचालक इसे 27 रूपये किलों में खरीद रहे हैं। इसके अलावा 15-22 रूपये किलो बिकने वाली असखबार की रद्दी, किताबें, कार्टून, प्लास्टिक के दाम 10-12 रूपये किलो पर आ गये हैं।