16 साल बाद जिंदा लौटा शख्स, श्राद्ध कर्म तक कर चुके थे घरवाले, पिता को देख बेटे के छलके आंसू

मोतिहारीः “जाको राखे साइयां, मार सके ना कोय“ यह कहावत मोतिहारी जिले के सुगौली प्रखंड के मेहवा गांव में सच साबित हुई. यहां के रहने वाले नगीना सहनी साल 2009 में गंगासागर तीर्थ यात्रा पर गए थे. जहां से वे अचानक लापता हो गए और 16 साल तक उनका कोई अता-पता नहीं चला. लंबे समय तक कोई सुराग न मिलने के कारण परिवार ने मान लिया कि नगीना सहनी अब इस दुनिया में नहीं रहे. परिजनों ने उनका श्राद्ध और अंतिम संस्कार तक कर दिया था. लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था.


सोशल मीडिया के चमत्कार ने इस कहानी को नया मोड़ दिया. दरअसल, नगीना सहनी के बेटे रुदल सहनी को हाल ही में किसी ने एक वीडियो भेजा. वीडियो गुजरात के एक वृद्ध आश्रम का था, जिसमें एक शख्स नजर आया. रुदल ने जैसे ही वीडियो देखा, उसकी आंखें नम हो गईं. वीडियो में दिखने वाला शख्स हूबहू उसके पिता जैसा था. जब उसने और जानकारी जुटाई तो पुष्टि हुई कि उसके पिता जिंदा हैं और गुजरात के वृद्ध आश्रम में रह रहे हैं.
16 साल बाद मिले पिता
बेटे ने पिता को वापस लाने का फैसला किया. आर्थिक तंगी के बावजूद रुदल ने पैसे का इंतजाम किया और गुजरात पहुंच गया. वहां वृद्ध आश्रम में जाकर उसने जब अपने पिता को सामने देखा तो भावुक हो गया. बेटा फूट-फूटकर रो पड़ा और पिता ने भी उसे गले लगाकर आंसू बहाए. यह नजारा देखकर आश्रम में मौजूद लोग भी भावुक हो उठे. नगीना सहनी के वापस गांव लौटने की खबर जैसे ही फैली, पूरा गांव जश्न में डूब गया. ग्रामीणों ने इसे ईश्वर का चमत्कार बताया. जिस व्यक्ति के लिए गांववालों ने 16 साल पहले कंधा दिया था, उसका श्राद्ध कर्म किया था, वह अचानक जिंदा सामने आ गया. मेहवा गांव में लोगों की भीड़ उनके घर उमड़ पड़ी.
फिर से मिली पिता की छांव
गांव की बुजुर्ग महिलाएं कहने लगीं कि यह ईश्वर की ही लीला है. वहीं, परिजन खुशी से फूले नहीं समा रहे हैं. बेटे रुदल ने कहा, “हम सोच भी नहीं सकते थे कि पिताजी हमें फिर से मिल जाएंगे. हम तो उनका श्राद्ध कर चुके थे. लेकिन भगवान ने हमें यह चमत्कार दिखाया और हमें पिता की छांव फिर से मिल गई.” नगीना सहनी के लौटने पर घर में उल्लास का माहौल है. ग्रामीण लगातार उन्हें देखने और हालचाल पूछने पहुंच रहे हैं. लोग इस घटना को सोशल मीडिया की ताकत और भगवान की कृपा का अद्भुत संगम बता रहे हैं.