भारतीय नागरिकता का प्रमाण आधार कार्ड नहीं, पैन कार्ड्स और आधार के जाल में उलझी भारतीयों की नागरिकता

नई दिल्ली. बिहार विधानसभा चुनाव से पूर्व वोटर लिस्ट की गहन समीक्षा ने नागरिकता से जुड़े कई सवालों को पैदा किया है। दिल्ली-एनसीआर में भी पुलिस और सरकारी एजेंसियां संदिग्ध व्यक्तियों की नागरिकता की पहचान कर रही है। इस बीच जमे-जमाये लोगों को भी अपनी नागरिकता साबित करने में परेशानी हो रही है।
आपको बता दें कि नागरिकता साबित करने के लिये चुनाव आयोग ने चलन में रहे कुछ लोकप्रिय दस्तावेजों को सिटीजनशिप का आधार नहीं माना है। जैसे आधार कार्ड, राशन कार्ड और वोटर आईडी कार्ड यानी कि इन दस्तावेजों के आधार पर बिहार में आप अपना नाम नये वोटर लिस्ट में नहीं चढ़ा सकते हैं। नागरिकता के लिये यही नियम दूसरे प्रदेशों में भी लागू होते हैं। यही कारण है कि अभी तक बिहार के दूर-दराज के लोगों को नये वोटर लिस्ट में अपना नाम चढ़वाने के लिये काफी परेशानी हो रही है।
आधार कार्ड
आज आधार कार्ड सबसे लोकप्रिय सरकारी कार्ड है। यह एक ऐसा दस्तावेज है कि जिससे औसत नागरिक का हर काम हो जाता है। चाहे वह बैंक में खाता खुलवाना हो, कहीं भी अपनी पहचान साबित करनी हो, किसी सरकारी योजना का लाभ उठाना हो या फिर निजी कंपनियों में अपनी पहचान साबित करनी हो, आधार हर जगह काम करता है।
आधार बनवाने के लिये आवश्यक क्या है दस्तावेज
आधार कार्ड बनवाने के लिये पहचान पत्र, पते का प्रमाण और जन्म तिथि के प्रमाण की आवश्यकता होती है। आधार कार्ड बनवाने के लिये पासपोर्ट, पैन कार्ड, राशन कार्ड/पीडीएस फोटो कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, ड्रायविंग लायसेंस, सरकारी फोटो पहचान पत्र, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों द्वारा जारी फोटो पहचान प़त्र मान्य है। जन्म तिथि साबित करने के लिए यहां आप जन्म प्रमाण पत्र, 10वीं कक्षा की मार्कशीट, स्कूल छोड़ने का प्रमाण पत्र दे सकते है।
नागरिकता का प्रमाण पत्र नहीं है आधार
हैरानी की बात यह है कि जिस पासपोर्ट, बर्थ सर्टिफिकेट, मैट्रिकुलेशन सर्टिफिकेट से कोई व्यक्ति भारत में अपनी नागरिकता साबित कर सकता है।  उसी के आधार पर बने Aadhar card को नागरिकता का प्रमाण पत्र नहीं माना गया है. जबकि इस कार्ड में उसकी निजी जानकारी के साथ उसके बायोमैट्रिक भी होते हैं. जैसे- फिंगर प्रिंट, रेटिन की स्कैनिंग. आधार जारी करने वाली भारत सरकार की संस्था UIDAI (Unique Identification Authority Of India) का कहना है कि आधार पहचान सत्यापन का स्रोत है. एक बार आधार बन पर वे आधार नम्‍बर का इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से उपयोग कर अपनी पहचान को सत्‍यापित और प्रमाणित कर सकते हैं. इसके द्वारा नागरिक बैंक खाता खोलने के लिए, ड्राइविंग लाइसेंस आदि प्राप्‍त करने हेतु बार-बार पहचान दस्‍तावेजों को उपलब्‍ध कराने की परेशानी से बच सकते है।
आधार एक्ट का सेक्शन-9 कहता है कि आधार नंबर नागरिकता या डोमिसाइल का प्रमाण नहीं है. आधार कार्ड होने का अर्थ यह नहीं कि वो व्यक्ति भारत का नागरिक या निवासी है. ये दस्तावेज सिर्फ पहचान पत्र के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है.