फर्जी हथियार के लायसेंस के मामले में 4 संदेही गिरफ्तार, 3 फर्जी लायसेंस बनाये गये थे, कलेक्टर, अपर कलेक्टर के नकली हस्ताक्षर किये

ग्वालियर में 3 फर्जी पिस्टल रिवॉल्वर के लायसेंस बना दिये गये। मामला सामने आने के बाद कार्यवाही भी देखने को मिली है। पुलिस ने इस मामले में 4 लोगों को पूछताछ क लिये हिरासत में लिया है। नकली लायसेंस की जानकारी जब ग्वालियर से भोपाल गृह मंत्रालय के कार्यालय तक पहुंची तो हड़कम्प मच गया। कलेक्टर रूचिका चौहान के निर्देश पर जांच शुरू हुई तो यह फर्जी लायसेंस एदलसिंह, अमित सिंह और रामनिवास सिंह नाम के व्यक्तियों के निकले।
फर्जी बंदूक के लायसेंस की पहचान भी तब हुई जब ओरिजनल लायसेंस से उनका मिलान हुआ है। इन फर्जी लायसेंस पर जिले के अपर कलेक्टर से लेकर कलेक्टर तक के हूबहू हस्ताक्षर कर दिये गये थे। लायसेंस में यूनिक आईडी भी फर्जी डाली गयी थी और सॉफ्टवेयर की जगह हाथ से बनी डायर से यह नकली लायसेंस तैयार किये गये थे।
क्या है मामला
शुक्रवार सुबह अपर कलेक्टर टी एन सिंह के दफ्तर में शुरू हुई प्रशासनिक जांच के बाद शाम को विश्वविद्यालय थाना पुलिस ने कलेक्टर रुचिका चौहान के निर्देश पर फर्जी लाइसेंस धारक रामनिवास, अमित सिंह और एदल सिंह के साथ दलाल सतीश सोनी को हिरासत में लिया है। रामनिवास के भाई गजेंद्र सिंह का कहना है कि दलाल सतीश सोनी रामनिवास के घर में किराए से दुकान चलाता है रामनिवास का लाइसेंस साल 2023 से भोपाल में पेंडिंग पड़ा हुआ था। जब इस बात की जानकारी सतीश सोनी को बताई तो उसने भरोसा दिलाया कि 1 लाख रुपए देने पर 01 महीने में लाइसेंस बन जाएगा। पूर्व में भी वह बहुत से लोगो के पिस्टल के लाइसेंस बनवा चुका है। सतीश ने 40 हजार रुपए एडवांस भी ले लिए। दो दिन पहले लाइसेंस का फ़ोटो भेज कर कहा कि 60 हजार की व्यवस्था जल्दी कर लो सोमवार को लाइसेंस मिल जाएगा। लेकिन जब रामनिवास फ़ोटो में भेजे गए लाइसेंस को चेक कराने कलेक्ट्रेट की आर्म्स शाखा पहुंचा, तब उसे मालूम हुआ कि वह लाइसेंस फर्जी है। इसकी जानकारी अधिकारियों को दी थी।
पुलिस बोली
इन सभी आरोप प्रत्यारोप के बीच कलेक्टर के निर्देश पर रामनिवास, एंदल सिंह, अमित सिंह और दलाल सतीश सोनी को हिरासत में लिया गया है। थाना विश्वविद्यालय के टीआई रविन्द्र जाटव ने बताया है कि थाने में सभी से पूछताछ के बाद नियमानुसार आगे की कार्यवाही की जायेगी।