एलिवेटेड रोड के निर्माण कार्य से 20 के बजाय 4 मीटर चौडी रह गयी स्वर्ण रेखा, वर्षा के दौरान बनेंगे बाढ़ हालात

स्वर्ण रेखा का बहाव काफी कम हो गया है। स्वर्ण रेखा में 84 नाले मिलते है। वीरपुर बांध और हनुमान बांध भी जुड़े है। वर्षा के मौसम मेंइन बांधों का ओवरफ्लो पानी भी इसी निकलता है। ऐसे में वर्षा के दौरान जब इन बांध का ओवरफ्लो पानी और 84 नालों से आने वाला पानी स्वर्ण रेखा में बहेगा तो बाढ़ का संकट से शहरवासियों को सामना करना पड़ सकता है।
पिछले वर्ष उपनगर ग्वालियर में स्वर्ण रेखा के बहाव को कम करने से वहां घरों में पानी भर गया था। एलिवेटेड के निर्माण कार्य के चलते जगह-जगह मिट्टी ,मुरम भर दी है। मानसून सीजन में वर्षा की वजह वर्ष 1़993 आई बाढ़ से आसपास की बस्तियों जलमग्न हो चुकी थी। लोक निर्माण विभाग हनुमान बांध से जलालपुर तक एलिवेटेड रोड का निर्माण् करा रहे है। प्रथम चरण में जलालपुर से लसक्ष्मीबाई समाधिस्थल तक कॉलम और लेंटर डल चुके है। द्वितीय चरण में गुरूवार पुल, लक्ष्मीबाई समाधिस्थल पर काम चल रहा है। यहां मशीनों से बहाव कम कर बेस बनाया है। जिससे स्थिति बिगड़ सकती है।
एक नजर में स्वर्ण रेखा
हनुमान बांध से निकलती है
लंबाई 13.85 किमी
नाले मिलते हैं 84
चौड़ाई 22 मीटर
चौड़ाई के अनुसार फ्लड लेबल:
2.4 मीटर ऊंचाई
यहां बिगड़ सकते हैं हालात
हनुमान बांध के आसपास की कॉलोनियां, तारागंज, गणेशपुरा नाला लक्ष्मीगंज, लूटपुरा, जनकगंज और राम कुई दोनों तरफ की कॉलोनियां।
भैंसा मंडी पुल के आसपास की कालोनियां।
शिंदे की छावनी, हाट बाजार, गांधी नगर, कांति नगर, सेवा नगर, रमटापुरा, किलागेट और लधेड़ी के आसपास का क्षेत्र।