रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों का यात्रियों को 45 डिग्री तापमान खड़े होकर करना होगा इंतजार

ग्वालियर. रेलवे स्टेशन पुर्न विकास का काम शुरू हुए 27 महीने गुजर गये है। लेकिन अभी तक 54% ही काम पूरा हो सका है। जबकि 24 माह में रेलवे अधिकारियों ने 100%  काम पूरा करने का दावा किया था। अब भीषण गर्मी के दोरान काम के चलते प्लेटफार्म नम्बर 1 से लेकर 4 तक के शेड तोड़ दिये गये है। रेलवे स्टेशन पर प्रतिदिन 60 हजार से अधिक यात्रियों का आना-जाना रहता है।
नये शेड अभी यात्रियों के लिये लगा नहीं गये। अभी सेंट्रल रूफ टॉप का काम होना शेष है। इसके चलते रेलवे स्टेशन में प्रतिदिन आने-जाने वाले करीब 60 हजार यात्रियों को 40-45 डिग्री तापमान के बीच प्लेटफार्म पर खड़े होकर ट्रेनों का इंतजार करना होगा। रेलवे अधिकारियों का दावा है कि अक्टूबर 2025 तक रेलवे स्टेशन का मुख्य काम पूरा हो जायेगा। यानी अगले 6 महीने यात्रियों को गर्मी व वर्षा के बीच ही ट्रेनों प्लेटफार्म पर खड़े होकर इंतजार करना होगा। हालांकि झांसी मण्डल के डीआरएम दीपक सिन्हा ने रेलवे के अधिकारियों को निर्देश दिये है कि रेलवे स्टेशन पर चल रहे कार्यो में तेजी लायें और साथ ही एक ओर से शेड बनाने का काम शुरू किया जाये, जिससे यात्रियों को परेशानी नहीं आये।
काम में देरी की वजह
प्लेटफार्म नंबर एक से लेकर 6 तक 48 लोहे के पिलर खड़े किए जाने हैं। इनमें से अब तक करीब 30 पिलर ही खड़े हो सके हैं।
30 हजार वर्गमीटर का सेंट्रल रूफटॉप बनना है, लेकिन अभी इसकी शुरुआत भी नहीं हुई है। केवल पिलर खड़े किए गए हैं।
केपीसी कंपनी का दावा है कि उन्हें हर दिन 5 घंटे का ब्लॉक चाहिए लेकिन उन्हें ट्रेनों के संचालन के चलते 3 से 4 घंटे का ही ब्लॉक मिल पा रहा है।
रेलवे के जिम्मेदार काम की मॉनीटरिंग नहीं कर रहे। इससे काम की गति धीमी है। एक तरफ का काम पूरा करने की बजाय पूरे स्टेशन पर काम फैला दिया गया है जो यात्रियों के लिए मुसीबत बन चुकी है। यात्रियों को यह हो रही दिक्कत।
प्लेटफार्म नंबर 1- 2-3 व 4 नंबर पर वेरीकेड्स लगा दिए गए हैं। इससे प्लेटफार्म पर जगह कम है। ट्रेन आगमन यात्रियों को हादसे की चिंता रहती है।
पुराने एफओबी तोड़े जाने के बाद नया एफओबी चालू हो गया है लेकिन इस पर लगा एस्केलेटर बंद है। इससे 62 सीढ़ी चढ़कर एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म पर जाने पर यात्रियों की हांफी छूट रही है।
सर्कुलेटिंग एरिया में काम चलने के कारण वीआईपी व थ्रू लेन बंद हो चुकी है। इससे प्लेटफार्म नंबर पर बने पोर्च तक जो वाहन लेकर जाते हैं, वह ट्रैफिक जाम में फंस जाते हैं। जिससे यात्रियों को निकलने में परेशानी होती है।