लापरवाह 2 समिति प्रबंधकों एवं एक कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी को निलंबन का नोटिस

ग्वालियर – जिन उपार्जन केन्द्रों पर किसानों द्वारा कम स्लॉट बुक कराएं है और खरीदी कम हो रही है ,उस क्षेत्र के किसानों को फोन लगाकर एवं प्रत्यक्ष संपर्क कर इसके लिए जागरूक करें। समर्थन मूल्य पर किसान भाइयों से गेहूं का उपार्जन सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में है। पारसेन व डबका बेहट उपार्जन केन्द्रों पर कम स्लॉट व कम खरीदी होने पर नाराजगी जताई। साथ ही सांखनी व पारसेन संस्थाओं के समिति प्रबंधक और भितरवार क्षेत्र के कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी  को निलंबित करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।
बैठक में बताया गया कि हाल ही में सत्यापन कर 3 हजार ऐसे उपभोक्ताओं को सूची से डिलीट किया गया है जो मृत हो चुके हैं अथवा शादी के बाद या किसी अन्य कारणों से दूसरी जगह स्थायी रूप से शिफ्ट हो चुके हैं।
अंतरविभागीय समन्वय बैठक में कलेक्टर श्रीमती चौहान ने राशन ई-केवायसी के साथ-साथ स्कूली बच्चों की ई-केवायसी व आधार कार्ड बनाने का काम भी नए शिक्षा सत्र से पहले पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी एसडीएम को हिदायत दी कि महिला-बाल विकास की मशीनों सहित अन्य मशीनों की मैपिंग कर यह काम कराएँ।
सिंगल यूज पॉलीथिन बनाने व बेचने वाले बड़े वेंडर पर करें कार्रवाई 
कलेक्टर रुचिका चौहान ने कहा सिंगल यूज पॉलीथिन पर पूर्णत: प्रतिबंध है। इसका कड़ाई से पालन कराया जाए। उन्होंने सभी एसडीएम को सिंगल यूज पॉलीथिन के खिलाफ 15 दिनों तक विशेष अभियान चलाएँ। इस दौरान ग्वालियर शहर सहित जिले के अन्य कस्बों में सिंगल यूज पॉलीथिन बनाने व बेचने वाले बड़े वेंडर पर कार्रवाई करें।
ग्वालियर जिले में वाहनों का प्रदूषण जाँचने के लिये संचालित 8 चलित प्रदूषण जाँच केन्द्रों सहित सभी 31 जाँच केन्द्रों का निरीक्षण करने के निर्देश सभी एसडीएम को दिए। उन्होंने कहा जो जाँच केन्द्र ठीक ढंग से नहीं संचालित हैं, उन्हें बंद कराएं।
पिछली बरसात में जहाँ जल भराव की स्थिति बनी वहाँ पर अभी से करें उपाय 
अंतरविभागीय समन्वय बैठक में कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने निर्देश दिए कि पिछले मानसून के दौरान ग्वालियर शहर में जिन स्थानों पर जल भराव की स्थिति निर्मित हुई थी, उस क्षेत्र के नाली व नालों की अभी से सफाई कर पानी की निकासी सुनिश्चित करें। यदि पानी के निकास में कहीं अतिक्रमण हो तो उसे भी अभियान बतौर हटाया जाए। उन्होंने इसके लिये 60 दिन की कार्ययोजना बनाने को कहा। साथ ही निर्देश दिए कि जल भराव वाले क्षेत्रों में वाटर रीचार्जिंग संरचनायें बनाने पर भी बल दिया। हैंडपंपों के आसपास भी ऐसी संरचनायें बनाने के लिये उन्होंने कहा।